उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। यहां कण कण में देवों का वास है। वैसे तो देश में चारधाम हैं, लेकिन आपको पता है कि उत्तराखंड में भी चार धाम स्थित हैं। ये धाम हैं केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री। यात्रा सीजन में यहां लाखों की संख्या में तीर्थयात्री दर्शन को आते हैं। आइए आपको इन धामों की कुछ रोचक बातें बताते हैं।
केदारनाथ धाम: केदारनाथ धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में स्थित है। ऐसी मान्यता है कि यहां भगवान शंकर पांडवों की भक्ति, दृढ संकल्प देखकर प्रसन्न हुए थे। उन्होंने दर्शन देकर पांडवों को पाप मुक्त कर दिया। उसी समय से भगवान शंकर बैल की पीठ की आकृति के रूप में केदारनाथ में पूजे जाते हैं। केदारनाथ मंदिर मंदाकिनी तट पर स्थित है।
बदरीनाथ धाम: बदरीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित है। बदरीनाथ मंदिर को बदरीनारायण मंदिर भी कहते हैं। यह अलकनंदा नदी के किनारे पर स्थित है। इस मंदिर में नर-नारायण विग्रह की पूजा होती है। यहां अखंड दीप जलता है, जो अचल ज्ञानज्योति का प्रतीक है। मान्यता है कि यहां भगवान विष्णु छह माह निद्रा में रहते हैं और छह माह जागते हैं।
गंगोत्री धाम: गंगोत्री धाम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में स्थित है। गंगोत्री मंदिर भागीरथी नदी के तट पर स्थित है। गंगा का उद्गम स्रोत यहां से करीब 24 किमी दूर गंगोत्री ग्लेशियर में है। मान्यता है कि भगवान राम के पूर्वज रघुकुल के चक्रवर्ती राजा भगीरथ ने यहां पर भगवान शंकर की तपस्या की थी। इसके बाद भी गंगा पृथ्वी पर आईं।
यमुनोत्री धाम: यमुनोत्री धाम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में स्थित है। कहते हैं चार धाम यात्रा की शुरुआत इस स्थान से होती है। यह चारधाम यात्रा का पहला पड़ाव है। यमुनोत्री मंदिर के मुख्य गृह में मां यमुना की काले संगमरमर की मूर्ति है। यमुना नदी सूर्य देव की पुत्री है और यम देवता की बहन है।