कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच हुए हरिद्वार के कुंभ मेले में कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाडे की जांच रिपोर्ट शासन को प्राप्त हो गई है। सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी ने जांच रिपोर्ट प्राप्त होने की पुष्टि की है। सूत्रों के मुताबिक, अब जल्द ही शासन जांच रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर टेस्टिंग से जुड़े सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका तय करेगा। माना जा रहा है कि रिपोर्ट में गंभीर आरोप होने पर शासन कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई भी कर सकता है।
मामला उजागर होने के बाद शासन ने हरिद्वार के जिलाधिकारी को जांच का आदेश दिया था। जिलाधिकारी ने यह जिम्मा मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) सौरभ गहरवार को सौंपा था। सीडीओ को जांच रिपोर्ट 15 दिन में देनी थी लेकिन उन्हें जांच पूरी करने में सवा दो महीने का वक्त लग गया। जांच में एक लाख से अधिक मोबाइल नंबरों का सत्यापन हुआ। जिलाधिकारी ने शासन को मंगलवार को जांच रिपोर्ट सौंप दी है।
सचिव स्वास्थ्य के मुताबिक, अभी जांच रिपोर्ट नहीं देखी है लेकिन जल्द से जल्द इसका अध्ययन करके कोरोना टेस्टिंग से जुड़े सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। आरोपों की गंभीरता के हिसाब से एक्शन होगा। सूत्रों का कहना है कि शासन इस मामले में निलंबन की कार्रवाई भी कर सकता है।
मुझे जिलाधिकारी से आज ही रिपोर्ट प्राप्त हुई है। अभी मैंने रिपोर्ट नहीं देखी है। रिपोर्ट में हम यही देखेंगे कि सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की क्या भूमिका रही। रिपोर्ट में उनके मामले में तथ्यों की गंभीरता के हिसाब से दंड तय होगा। कार्रवाई के लिए पूरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। आरोपियों को आरोप पत्र जारी होंगे। आरोपपत्र की जांच के लिए एक जांच अधिकारी तैनात होगा और उसकी रिपोर्ट आधार पर अंतिम कार्रवाई होगी।