शीतकालीन यात्रा पर शुरू हुई कवायद, रूपरेखा तैयार कर रहा देवस्थानम बोर्ड

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सबकुछ ठीक रहा तो श्रद्धालु शीतकाल में भी उत्तराखंड के तीर्थस्थलों की यात्रा कर सकेंगे। चारधाम देवस्थानम बोर्ड बारामासी यात्रा की रूपरेखा तैयार कर रहा है। चारधाम के कपाट बंद होने के बाद श्रद्धालु शीतकालीन गद्दी स्थलों और अन्य अधीनस्थ मंदिरों की यात्रा कर सकेंगे। यहां यात्री सुविधाएं जुटाने के लिए बोर्ड के सदस्यों के नेतृत्व में टीमें गठित की जाएंगी। बारामासी यात्रा से जहां प्रदेश के अनछुए तीर्थस्थलों तक भी श्रद्धालु पहुंच सकेंगे।

पूरे साल यात्रा की रूपरेखा तैयार कर रहा देवस्थानम
उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। पंच बदरी, पंच प्रयाग और पंच केदार के साथ ही यहां प्रत्येक गांव, ब्लॉक व जिले में प्राचीन धार्मिक स्थल हैं। हर साल अप्रैल से नवंबर तक चारधाम यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचते हैं। इसके बाद शीतकाल में यात्रा पूरी तरह बंद रहती है। देवस्थानम बोर्ड अब पूरे साल यात्रा की रूपरेखा तैयार कर रहा है।

चारधाम के अधीनस्थ मंदिरों, जिनमें शीतकालीन गद्दी स्थल सहित अन्य मठ-मंदिर शामिल हैं, को शीतकालीन यात्रा से जोड़ा जाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो चारधाम के कपाट बंद होने के बाद इसी वर्ष नवंबर या दिसंबर के पहले सप्ताह से ओंकोरश्वर मंदिर ऊखीमठ, नृसिंह मंदिर जोशीमठ, मुखबा उत्तरकाशी से शीतकालीन यात्रा का विविधत शुभारंभ किया जाएगा।

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