दूसरे शहरों में कोरोना से मरने वालों के शव अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट लाए जा रहे हैं। गाइड लाइन के अनुसार, नगर में सिर्फ स्थानीय शवों का ही अंतिम संस्कार किया जाना है जबकि यहां दिल्ली, कोटद्वार, बिजनौर, देहरादून, रुड़की समेत कई शहरों से शव लाए जा रहे हैं। कोरोना से जान गंवाने वालों के अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार के श्मशान घाट में अलग से स्थान निर्धारित किया गया है। यहां एक समय में 20 लोगों का संस्कार किया जा सकता है। पिछले दिनों तक यहां औसतन 5 से 12 अंतिम संस्कार हो रहे थे।
लेकिन बीते दो दिन से अकेले खड़खड़ी श्मशान घाट पर 20 से 25 अंतिम संस्कार हो रहे हैं। इनमें से 10 से 12 लोग वो हैं जिनकी जान कोरोना के चलते गई है। इस पर सेवा समिति ने तत्काल अलग स्थान निर्धारित करने का निर्णय लिया। बीते बुधवार को दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 16 निवासी एक व्यक्ति की कोरोना से मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया गया। संस्कार के लिए पीपीई किट के पहनकर काफी लोग आए थे। उक्त व्यक्ति की मौत दिल्ली के अस्पताल में ही हुई थी। दिल्ली के अलावा भी कई अन्य शहरों से भी शव हरिद्वार पहुंच रहे हैं।
सवाल उठ रहा है कि आखिर दूसरे राज्यों से शवों को हरिद्वार कैसे लाया जा रहा है जबकि सीमा पर 24 घंटे वाहनों की जांच के आदेश हैं। इससे सीमा पर होने वाली टेस्टिंग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। संक्रमित लोगों के शव हरिद्वार श्मशान घाट पर पहुंच रहे हैं तो मजबूरी में इनका अंतिम संस्कार भी करना पड़ रहा है। जबकि पुलिस प्रशासन को इस बात की जानकारी तक नहीं है।
मामले की जानकारी जुटाकर डीएम को अवगत कराया जाएगा। सीमा पर कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। श्मशान घाट को भी गाइडलाइन से अवगत कराया जाएगा।
जगदीश लाल, सिटी मजिस्ट्रेट, हरिद्वार
कोरोना से मृत लोगों के शव आने पर पुलिस-प्रशासन को जानकारी दी जाती है। लोकल शव अधिक आते हैं पर बुधवार को दिल्ली, कोटद्वार, रुड़की, देहरादून समेत अन्य जगह से शव आए थे। संस्कार के लिए कर्मचारियों से जबरदस्ती नहीं की जाती है।
जगत सिंह रावत, उपाध्यक्ष, सेवा समिति