देहरादून। संवाददाता। मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की जीत के लिए मिर्ची यज्ञ करने वाले महामंडलेश्वर वैराग्य नंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा को निरंजनी अखाड़े ने फौरी कार्रवाई करते हुए उनसे अखाड़े के महामंडलेश्वर की पदवी को छीनते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया। मिर्ची बाबा ने दिग्विजय सिंह की हार पर यज्ञस्थल पर भू-समाधि लेने का ऐलान भी किया था। उनकी इन धर्म विरोधी हरकतों पर हरिद्वार स्थित निरंजनी अखाड़ा मुख्यालय से मिर्ची बाबा को फौरी तौर पर बहिष्कृत कर दिया गया है। उनकी धर्म और अखाड़ा विरोधी हरकतों पर अखाड़ा के श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने शनिवार को यह कार्रवाई करते हुए वैराग्यानंद उर्फ मिर्ची बाबा के खिलाफ जांच के साधु-संतों की एक समिति का गठन भी किया। समिति की जांच रिपोर्ट आने के बाद की गई कार्रवाई पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।
मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह चुनाव मैदान में थे। वहीं भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा था। दिग्विजय सिंह के समर्थन में महामंडलेश्वर वैराग्य नंद गिरी ने जमकर पसीना बहाया। इतना ही नहीं महामंडलेश्वर वैराग्य नंद ने दिग्विजय सिंह की जीत के लिए कई हफ्तों तक मिर्ची हवन भी किया था। बाबा ने यह ऐलान भी कर दिया था कि अगर चुनाव में दिग्विजय सिंह हार जाते हैं तो वह यज्ञ स्थल पर भू-समाधि ले लेंगे। चुनाव में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भारी मतों से विजय हुई हैं। दिग्विजय सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा है। दिग्विजय के समर्थन में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का विरोध करना मिर्ची बाबा को भारी पड़ गया है, अखाड़े ने उन पर धर्म और अखाड़ा विरोधी कृत्य के चलते कार्रवाई कर दी।
चुनाव परिणाम आने के बाद से वैराग्य नंद का कुछ पता नहीं चल पाया है, मगर अखाड़ा ने उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी है। महामंडलेश्वर वैराग्य नंद गिरी निरंजनी अखाड़ा से जुड़े थे। अखाड़ा ने बाबा की गतिविधियों पर आपत्ति जताते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से बाहर निकाल दिया है। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने बताया कि वैराग्य नंद के बयान की जानकारी मिलने पर अखाड़ा पंच के सामने यह प्रकरण रखा गया था। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि वैराग्य नंद को अखाड़े से बाहर कर दिया जाए।
उन्होंने बताया कि वैराग्य नंद का अखाड़े से फिलहाल कोई संबंध नहीं रहेगा और ना ही वह महामंडलेश्वर रहेंगे। श्रीमहंत रविन्द्र पुरी ने बताया कि वैराग्य नंद की ओर से जारी वक्तव्य पर अखाड़े के साधु संतों की समिति जांच करेगी। उसके बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी।