मोदी मंत्री मंडल में जगह पाने के लिए सांसदों की भीड़

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नई दिल्ली/ देहरादून। दिल्ली में आज भाजपा के पार्लियामेंट बोर्ड की बैठक होने जा रही है। उत्तराखण्ड की सभी पांच सीटों पर विजय पताका फहराने वाले भाजपा नेता और मुख्यमंत्री दिल्ली पहुंच चुके है। इस बैठक के साथ ही देश में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। नरेन्द्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुने जाने की औपचारिकता के साथ ही नई सरकार के रूप स्वरूप पर भी मंथन शुरू हो चुका है। केन्द्रीय मंत्रीमण्डल का चेहरा क्या होगा इसकी जानकारी 30 मई को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के बाद ही पता चल सकेगा। लेकिन मोदी मंत्री मण्डल में जगह पाने के लिए जोड़ तोड़ जोरों पर है। उत्तराखण्ड को इस मंत्रिमण्डल मेें स्थान मिलने न मिलने को लेकर जहंा चर्चायें आम है वहीं कौन होगा वह भाग्यशाली सांसद जो बन सकेगा केन्द्रीय मंत्री इसे लेकर भी कयास बाजी शुरू हो चुकी है।

2014 के बाद 2019 में भी क्लीन स्वीप करने वाली भाजपा अपने प्रदर्शन को लेकर अति उत्साह में है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जिन्होने प्रधानमंत्री को सभी पांच सीट जीतकर देने का वायदा किया था अपनी सफलता पर खुश है विजयी प्रत्याशियों में कई ऐसे भी है जो यह मान रहे है कि सीएम त्रिवेन्द्र सिंह ने उनकी पैरवी की तो वह केन्द्र में मंत्री बन सकते है। वहीं कुछ पुराने धुरन्धर अपने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन को आधार बनाकर बड़े केन्द्रीय नेताओं की शरण में है।

सवाल यह है कि जिन नेताओं का नाम चर्चाओं में है उनमें पूर्व राज्य मंत्री अजय टम्टा, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट तथा लगातार तीसरी बार जीत कर सांसद बने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक का नाम प्रमुख है। सवाल यह है कि जब 2014 में भाजपा जिसके 282 सांसद थे तब सूबे के 5 सांसदों में से किसी को भी मंत्रिमण्डल में जगह नहीं मिल सकी थी तब आज 2019 के चुनाव में भाजपा के जब 303 नेता संासदों का चुनाव जीते है जिनमें 5 उत्तराखण्ड के है, को कितनी तब्जोह मिल पायेगी? यह एक अहम सवाल है। अजय भट्ट मंत्रिमण्डल में पहुंचने का जो सपना देख रहे है उसका आधार यह है कि उन्होने सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत को सबसे अधिक मतान्तर से हराया है।

मुरली मनोहर जोशी जैसे नेता को हराने वाले हरीश रावत को हराना अजय भट्ट के लिए क्या इतनी बड़ी उपलब्धि हो सकती है कि उन्हे मोदी मंत्रिमण्डल में स्थान दिया जाये। अगर यही मापदंड है मंत्री बनने का तो स्मृति ईरानी जिन्होने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराया है उन्हे तो गृहमंत्री बना दिया जाना चाहिए। खैर सपने देखने पर कोई पांबदी नहीं हो सकती है। वह चाहे डा. निशंक हो जिनके समर्थक उन्हे मंत्री बनाने की मांग कर रहे है या फिर अजय टम्टा जिनको राज्य मंत्री बना दिया गया था। इस बार केन्द्रीय मंत्री मंडल में सूबे का कोई नेता होगा इसकी संभावनाएं न के बराबर ही है।

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