रूड़की। संवाददाता। नसबंदी के लिए लगाए गए शिविर में डॉक्टरों की लापरवाही महिला पर भारी पड़ गई। ऑपरेशन के लिए महिला को बेहोश कर पेट में चीरा लगाया दिया गया। इसके बाद मशीन पर हाथ सेट नहीं होने की बात कहकर ढाई घंटे तक मरीज को ऑपरेशन थियेटर में ही रखा गया। मरीज के नाराजगी जताने पर थप्पड़ भी मारे गए। मामले में पीड़िता के पति ने प्रभारी सीएमएस से शिकायत की है।
पुरानी तहसील निवासी मुकेश की पत्नी पिंकी घर पर ही थी। तभी आशा ने नसबंदी के लिए उन्हें बुलाया और अपने साथ सिविल अस्पताल लेकर पहुंच गईं। मुकेश ने लिखित शिकायत में बताया कि नसबंदी के लिए बुलाए गए हरिद्वार के डॉक्टर ने पिंकी को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। इसके बाद एक मशीन से ऑपरेशन शुरू किया लेकिन बीच में ही डॉक्टर ने मशीन पर हाथ सेट नहीं होने की बात कहकर ऑपरेशन रोक दिया और हरिद्वार से दूसरी मशीन मंगाई। आरोप है कि दूसरी मशीन को लाने के दौरान पेट में चीरा लगाए मरीज को आपरेशन थियेटर में ही लिटाए रखा।
करीब दो घंटे तक इंतजार करने के बाद भी मशीन नहीं आने पर मरीज ने आपत्ति जताई। आरोप है कि इस दौरान डॉक्टर ने मरीज के साथ मारपीट की। ऑपरेशन के बाद घर पहुंची मरीज ने अपने पति मुकेश को आपबीती बताई। इस पर पति मुकेश अस्पताल पहुंचे और मामले की शिकायत प्रभारी सीएमएस डॉ. एके मिश्रा से की। साथ ही आरोपी डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की। प्रभारी सीएमएस डॉ. एके मिश्रा ने मामले में लिखित शिकायत आने पर कार्रवाई की बात कही है। प्रभारी सीएमएस ने बताया कि लिखित शिकायत आने पर मामले में कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत पर जांच की जाएगी
सीएमओ हरिद्वार डॉ. एके गैरोला का कहना है कि डाक्टर को आपरेशन के लिए विशेष रूप से पौड़ी से बुलाया गया है। मुझे यह जानकारी नहीं है कि हरिद्वार से नई मशीन भेजी गई या नहीं। कभी-कभी ऑपरेशन के दौरान लैंस धुंधला हो जाता है, लेकिन डाक्टर की मंशा लोगों को लाभ पहुंचाने की थी। यदि शिकायत आएगी तो मामले की जांच की जाएगी।