नर्मदा नदी पर बना विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सरदार सरोवर बांध छप्पन वर्ष बाद राष्ट्र को समर्पित

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  • मोदी ने कहा – विश्व बैंक सहित कई पक्षों ने इस परियोजना के मार्ग में बाधाएं उत्पन्न की.
  • उनके पास हर उस आदमी का कच्चा चिट्ठा है, जिसके कारण इस बांध परियोजना में विलंब हुआ

नई दिल्ली (एजेंसीज): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर नर्मदा बांध को बीते रविवार को राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर उन्होंने पिछले सात दशकों में इस परियोजना में आई तमाम बाधाओं का उल्लेख किया और उम्मीद जताई कि यह परियोजना नए भारत के निर्माण में सवा सौ करोड़ भारत वासियों के लिए प्रेरणा का काम करेगी। मोदी ने सरदार सरोवर बांध के लोकार्पण के बाद यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व बैंक सहित कई पक्षों ने इस परियोजना के मार्ग में बाधाएं उत्पन्न की। उनके पास हर उस आदमी का कच्चा चिट्ठा है, जिसके कारण इस बांध परियोजना में विलंब हुआ। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी आया जब विश्व बैंक ने इस परियोजना के लिए कर्ज देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए वे दो लोगों के आभारी हैं…सरदार वल्लभ भाई पटेल और बाबा साहेब आंबेडकर। उन्होंने कहा, ‘भारत के लौह पुरुष की आत्मा आज जहां कहीं भी होगी, वह हम पर ढेर सारे आशीर्वाद बरसा रही होगी। सरदार पटेल ने एक दिव्य दृष्टा की तरह इस क्षेत्र में ंिसचाई और जल संकट को देखते हुए नर्मदा पर बांध की परिकल्पना की थी।’ मोदी ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर ने मंत्री परिषद में रहते हुए देश के विकास के लिए तमाम योजनाओं की परिकल्पना की थी। अगर ये दोनों महापुरुष अधिक समय तक जीवित रहते तो देश को उनकी प्रतिभा का और भी लाभ मिलता।

नर्मदा बांध का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह बांध इंजीनियरिंग विशेषज्ञों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण एक विषय होगा, साथ ही यह देश की ताकत का प्रतीक भी बनेगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरणविदों और कुछ अन्य लोगों ने इसका विरोध किया था। विश्वबैंक ने इस परियोजना के लिए धन देने से मना कर दिया। इस परियोजना के लिए लोगों ने अपनी तरफ से धन दिया और नर्मदा माता के कारण मंदिरों ने भी इसके लिए दान दिया। यह बांध भारत के लोगों के पसीने की कमाई से बना है। देशवासी यदि कुछ ठान लें तो कोई भी चुनौती उनके लिए चुनौती नहीं रहती। इस परियोजना से मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के करोड़ों किसानों का भाग्य बदलेगा। परियोजना में हुई देर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वे इसे राजनीति से नहीं जोड़ रहे हैं अन्यथा उनके पास उन सभी लोगों का कच्चा चिट्ठा है जिन्होंने बाधाएं उत्पन्न की, आरोप लगाए और षड्यंत्र किया। उन्होंने कहा कि नर्मदा का पानी पारस है। जिस प्रकार पारस लोहे को स्पर्श कर सोना बना देता है उसी प्रकार इस बांध का पानी जिस सूखी जमीन पर जाएगा वह जमीन सोना उगलने लगेगी। उन्होंने कहा कि भारत की दो भुजाएं हैं- पश्चिमी और पूर्वी भारत। जिस प्रकार नर्मदा बांध से पश्चिमी भारत की सिंचाई व पेय जल समस्या को दूर करने में एक बड़ी मदद मिलेगी, उसी प्रकार वे चाहते हैं कि पूर्वी भारत की बिजली की समस्या को दूर करने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास हों।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना का लोकार्पण किया। इस बांध की उंचाई को 138..68 मीटर तक बढ़ाया गया है। मोदी का रविवार को जन्मदिन भी था। उन्होंने सरदार सरोवर बांध पर नर्मदा नदी की वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना की और इसके बाद सरदार पटेल की 182 मीटर3 की विशालकाय प्रतिमा के निर्माण का जायजा भी लिया। स्टेच्यू आफ यूनिटी नामक यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल सहित विभिन्न प्रमुख नेता मौजूद थे।

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