कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में लंबे समय से अपनी सेवा दे रही गोमती हथिनी और ब्रांडी कुत्ता आज रिटायर हो गए। बुधवार को विदाई देते हुए उन्हें सेवानिवृत किया गया। कॉर्बेट प्रशासन ने आमडंडा गेट पर दोनों के लिए भव्य विदाई समारोह आयोजित किया। गोमती को 40 साल पहले आसाम से लाया गया था। गोमती हथिनी ने कई महत्वपूर्ण अभियानों में अपना योगदान दिया। 65 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद अब गोमती को एनटीसीए के मानक के अनुरूप सेवानिवृत्ति कर दिया गया। वहीं, स्नीफर डॉग ब्रांडी को भी सेवानिवृत किया गया। ब्रांडी ने भी कई महत्वपूर्ण अभियानों में अपनी भूमिका निभाई है।
इस दौरान गोमती व स्नीफर डॉग को माला पहनाते हुए बैच लगाया गया। इसके अलावा गोमती को केले खिलाए गए। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. धीरज पांडे ने बताया कि गोमती हथिनी को फिलहाल ढिकाला में रखा जाएगा। जहां वह हल्का-फुल्का काम करेगी, ताकि वह पूर्ण रूप से स्वस्थ रहे। इसके अलावा उससे कोई काम नहीं लिया जाएगा। वहीं ब्रांडी कुत्ते को भी देखरेख में रखा जाएगा।
गोमती ने इन अभियानों में निभाई अहम भूमिका
1- वर्ष 1987 में गोमती ने गर्जिया मंदिर के पास बागझाला क्षेत्र में बाघ का सफल रेस्क्यू किया।
2- 2010 में गोमती ने ग्राम सुंदरखाल में नरभक्षी बाघ काे मारने में विशेष योगदान दिया।
3- 2012 में ऋषिकेश में जंगली हाथी को रेस्क्यू करने में भी गोमती ने अहम भूमिका निभाई।
4- 2019 में ढिकाला रेंज में नरभक्षी बाघ के रेस्क्यू में भी गोमती ने विशेष योगदान दिया।
5- 2022 में गोमती ने धनगढ़ी और रामनगर वन प्रभाग के रेस्क्यू ऑपरेशन में भाग लिया।
7- 2023 में बाघों के ट्रांसलोकेशन के लिए चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल थी।