पूर्व सीएम हरीश रावत सार्वजनिक मंचों से लेकर इंटरनेट मीडिया पर कई बार यह कह चुके हैं कि उत्तराखंड से किसी अनुसूचित वर्ग के चेहरे को मुख्यमंत्री की कमान मिले। यह तभी संभव है जब 2022 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी होगी। और पार्टी लगातार जीत का दावा भी कर रही है।
वहीं, अब पूर्व सीएम के बेहद करीबी माने जाने वाले राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने सोमेश्वर सीट से टिकट भी मांगा है। उन्होंने पार्टी फोरम में आवेदन भी कर दिया। अब निर्णय शीर्ष नेतृत्व को लेना है। पहले हरदा के बयानों और अब प्रदीप की दावेदारी से तमाम तरह की चर्चाएं होने लगी है। सोमेश्वर टम्टा की कर्मभूमि भी रही है। 2002 में वह इस सीट से विधायक चुने गए थे। 2009 में अल्मोड़ा संसदीय सीट से सांसद भी थे।
उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने पंजाब का प्रभारी रहते हुए चरनजीत सिंह चन्नी को सीएम की कुर्सी तक पहुंचाया था। सितंबर में उत्तराखंड लौटने पर उन्होंने पहली बार अनुसूचित समाज के किसी व्यक्ति को सीएम बनाने की गद्दी पर बैठाने की हसरत जाहिर की थी। खास बात यह है कि तब यशपाल आर्य ने घर वापसी नहीं की थी। वह 11 अक्टूबर को बेटे संजीव संग कांग्रेस में फिर से शामिल हुए।
दूसरी तरफ राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा का कार्यकाल अगले साल खत्म होने वाला है। इससे पूर्व उन्होंने विधायक के लिए दावेदारी कर दी। वहीं, हरदा संग उनकी करीबियत का पता इस बात से चलता है कि 2014 में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट से लोकसभा सांसद का चुनाव लड़ रहे प्रदीप के लिए तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने डेढ़ दर्जन से अधिक जनसभा करने के साथ अल्मोड़ा में बतौर स्टार प्रचारक राहुल गांधी को भी बुलवाया था। हालांकि, 2009 में भाजपा के अजय टम्टा को मात देने वाले प्रदीप यह चुनाव हार गए थे। मगर पिछले कई दिनों से सोमेश्वर विधानसभा में उनकी सक्रियता लगातार बढ़ी है। पार्टी के टिकट देने पर उनका मुकाबला कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य से होगा।