देहरादून। संवाददाता। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वन्य जीव एक दूसरे की जान के दुश्मन बन रहे हैं। इन तीन सालों में सबसे ज्यादा 28 वन्य जीवों ने आपसी संघर्ष की वजह से अपनी जान गंवाई हुई है। वन्य जीव विशेषज्ञ इसके लिए जंगल में केयरिंग कैपेसिटी भी कम होना एक वजह मान रहे हैं। वन्य जीवों का जंगल से आबादी में रूख करने से भी मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ रही है।
कॉर्बेट में जितने भी वन्य जीवों की मौत होती है। उनमें अधिकतर की मौत मौके पर मिले साक्ष्यों के आधार पर अधिकारियों द्वारा आपसी संघर्ष से होना बताई जाती है। वर्ष 2016 से इस साल मार्च तक की विभागीय आंकड़ों की बात करें तो कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में आठ बाघ, 16 हाथी व चार गुलदार आपसी संघर्ष में मारे गए हैं। आपसी संघर्ष से हो रही इन मौतों को रोकने के लिए यदि कॉर्बेट प्रशासन व इसकी मॉनिटरिंग कर रही सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं ने इसका अध्ययन नहीं किया गया तो भविष्य में स्थिति और भी भयावह होगी।