परिवार नियोजन में पुरूषों से आगे हैं महिलाएं

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नैनीताल। संवाददाता। परिवार नियोजन के लिए सरकार नसबंदी स्कीम चला रही है। नैनीताल जिले के आंकड़े बताते हैं कि यहां परिवार नियोजन का जिम्मा केवल महिलाओं का है। पुरुष इन स्कीमों से दूर भाग रहे हैं। यहां तक कि सरकारी प्रोत्साहन भी पुरुषों को इस बात के लिए तैयार नहीं कर पा रहे कि वो नसबंदी कराएं। हालात ऐसे हैं कि महिलाओं के मुकाबले नसबंदी करने वाले पुरुषों की संख्या पांच फीसदी भी नहीं है।

नसबंदी के आंकड़ों ने उठाए सवाल
नैनीताल जिले में साल 2015-16 में 120 पुरुषों और 1665 महिलाओं ने नसबंदी कराई थी। जबकि साल 2016-2017 में 110 पुरुषों और 1989 महिलाएं ने नसबंदी कराई। 2017-18 में नसबंदी कराने वाले पुरुषों की संख्या तिहाई के अंक को भी नहीं छू पाई. इस साल महज 79 पुरुषों ने नसबंदी कराई जबकि महिलाओं की संख्या 1427 रही। साल 2018-19 में तो हद ही हो गई। इस साल स्वास्थ्य महकमा केवल 29 पुरुषों की ही नसबंदी कर सका। जबकि महिलाओं का आंकड़ा 1288 रहा।

प्रोत्साहन राशि भी पुरुषों को खींचने में नाकाम
भले ही महिलाएं ज्यादा संख्या में नसबंदी करा रही हों, लेकिन उन्हें सरकार महज चौदह सौ रुपये की राशि प्रोत्साहन के तौर पर देती है। जबकि पुरुषों को दी जाने वाली ये राशि दो हजार रुपये है। लेकिन इसके बावजूद पुरुष नसबंदी नहीं करा रहे।

जबकि हल्द्वानी के वनभूलपुरा की आशा वर्कर रेहाना सरकार की योजना पर सवाल खड़े करते हुए कहती हैं कि जब महिलाएं ही नसबंदी करा रही हैं तो उन्हें राशि भी ज्यादा मिलनी चाहिए।

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