हाईस्कूल में गणित विषय का प्रश्नपत्र 30 प्रश्नों का होगा, जिसमें एक से पांच तक के प्रश्न बहुविकल्पीय (प्रत्येक प्रश्न एक अंक का), क्रम संख्या छह से दस तक के पांच प्रश्न एक-एक अंक के, क्रम संख्या 11 से 15 तक के पांच प्रश्न दो-दो अंकों के, क्रम संख्या 16से 22 तक के दस प्रश्न तीन-तीन अंको के, क्रम संख्या 26 से तीस के पांच प्रश्न छह-छह अंकों के होंगे।
इण्टरमीडिएट में गणित विषय का प्रश्न-पत्र 28 प्रश्नों का होगा, जिसमें क्रम संख्या एक का प्रश्न छह खण्डों का बहुविकल्पीय होगा। प्रत्येक खण्ड एक-एक अंक का होगा। क्रम संख्या दो से चार तक के चार प्रश्न एक-एक अंक के, क्रम संख्या छह से 13 तक के आठ प्रश्न दो-दो अंकों के, क्रम संख्या चौदह से इक्कीस तक के आठ प्रश्न चार-चार अंको के तथा क्रम संख्या बाइस से अटठाइस तक के सात प्रश्न छ:-छ: अंको के होंगे।
रामनगर(संवाददाता) : उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद द्वारा आगामी बोर्ड परीक्षा के प्रश्न-पत्रों में बदलाव के बाद जिस स्वरूप में प्रश्न-पत्र परीक्षार्थियों के सामने आयेगा, उसका कुछ इस प्रकार है। हाईस्कूल में गणित विषय का प्रश्नपत्र 30 प्रश्नों का होगा, जिसमें एक से पांच तक के प्रश्न बहुविकल्पीय (प्रत्येक प्रश्न एक अंक का), क्रम संख्या छह से दस तक के पांच प्रश्न एक-एक अंक के, क्रम संख्या 11 से 15 तक के पांच प्रश्न दो-दो अंकों के, क्रम संख्या 16से 22 तक के दस प्रश्न तीन-तीन अंको के, क्रम संख्या 26 से तीस के पांच प्रश्न छह-छह अंकों के होंगे। इण्टरमीडिएट में गणित विषय का प्रश्न-पत्र 28 प्रश्नों का होगा, जिसमें क्रम संख्या एक का प्रश्न छह खण्डों का बहुविकल्पीय होगा। प्रत्येक खण्ड एक-एक अंक का होगा। क्रम संख्या दो से चार तक के चार प्रश्न एक-एक अंक के, क्रम संख्या छह से 13 तक के आठ प्रश्न दो-दो अंकों के, क्रम संख्या चौदह से इक्कीस तक के आठ प्रश्न चार-चार अंको के तथा क्रम संख्या बाइस से अटठाइस तक के सात प्रश्न छ:-छ: अंको के होंगे। इण्टरमीडिएट में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व जीव विज्ञान के प्रश्न-पत्र तीस-तीस प्रश्नों के होंगे। जिसमें से क्रम संख्या एक से चार तक के चार प्रश्न बहुविकल्पीय (प्रत्येक एक-एक अंक का), क्रम संख्या पांच से आठ तक के चार प्रश्न एक-एक अंक के, क्रम संख्या नौ से 18 तक दस प्रश्न दो-दो अंकों के, क्रम संख्या उन्नीस से 27 तक के नौ प्रश्न तीन-तीन अंको के तथा क्रम संख्या 28 से तीस तक के शेष तीन प्रश्न छह-छह अंकों के होंगे।
हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं को तनाव मानकर उनका खौफ खाने वाले परीक्षार्थियों के लिये उत्तराखण्ड बोर्ड से एक अच्छी खबर है। बोर्ड परीक्षाओं के दौरान परीक्षार्थियों को राहत दिये जाने व उनकी क्षमता के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के मकसद से इस बार उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न-पत्रों के स्वरूप में परिवर्तन का निर्णय लिया है। इस परिवर्तन की जद में फिलहाल हाईस्कूल में गणित विषय तथा इण्टरमीडिएट के गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान विषय आयेंगे। यह परिवर्तन बोर्ड परीक्षाओं में इसी वर्ष की बोर्ड परीक्षा से लागू हो जाएगा। लेकिन गृह परीक्षाओं की छमाही परीक्षाएं सम्पन्न हो जाने के कारण इनके परीक्षार्थियों को इसका पूरा लाभ अगले साल से ही मिल पायेगा। प्रश्न-पत्रों में होने वाले मूलभूत बदलावों की जानकारी देने के लिए शुक्रवार को बोर्ड मुख्यालय पर प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व परीक्षा समिति के सचिव-सदस्यों की विशेष बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में शामिल सभी डीईओ व समिति सचिव जनपद स्तर पर शिक्षकों, सदस्यों व परीक्षार्थियों को इस परिवर्तन से अवगत करायेंगे। परिषद के सचिव विनोदप्रसाद सिमल्टी की अध्यक्षता व शोध अधिकारी मनोज कुमार पाठक के संचालन में आयोजित बैठक के दौरान संयुक्त सचिव बीएमएस रावत ने प्रश्नपत्रों के स्वरूप में परिवर्तन की आवश्यकता पर व्याख्यान देते हुए बताया कि देश के अन्य शिक्षा बोर्ड के प्रश्न-पत्रों व यूके बोर्ड के प्रश्न-पत्रों की तुलना के यूके बोर्ड के प्रश्न-पत्रों में वैकल्पिक प्रश्नों व बहुविकल्पीय प्रश्नों की कमी को देखते हुए इसे दूर करने का निर्णय लिया गया, जिससे परीक्षार्थी अपनी सम्पूर्ण क्षमता का परिचय देते हुए प्रश्नो को हल कर सकें। जिन विषयों के प्रश्न-पत्रों के स्वरूप में बदलाव होना है, उनके स्वरूप परिवर्तन का पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से शोध अधिकारी मनोज कुमार पाठक द्वारा चितण्रभी किया गया। सचिव वीपी सिमल्टी ने बैठक से सम्बन्धित दिशा-निर्देश देते हुए प्रश्न-पत्रों के पैटर्न में आये बदलावों को समझते हुए प्रत्येक परीक्षार्थी तक इस पैटर्न की जानकारी पहुंचाने की अपील की। बैठक में शोध अधिकारी विजय शेखर बलोदी ने बीते तीन सालों की बोर्ड परीक्षाओं का परीक्षा परिणाम का विश्लेषण रखते हुये उत्तरोत्तर सुधर रहे परीक्षा परिणाम पर संतोष प्रकट किया। बैठक के दूसरे चरण में प्रतिभागियों को शोध अधिकारी डा. नन्दन सिंह बिष्ट द्वारा राष्ट्रीय उपलब्धि सव्रेक्षण के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान बैठक में हरीश गिरी गोस्वामी, अंकुर चौहान के अतिरिक्त समस्त जिलों के माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी, परीक्षा समिति के सचिव व सदस्य मौजूद रहे।