नर बहादुर 19 साल से नहीं आए भारत, कहते हैं ‘पुल बनेगा तभी जाऊंगा ससुराल’

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पिथौरागढ़।  बैतड़ी उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष नर बहादुर चंद पिछले 19 वर्ष से भारत नहीं आए हैं। उन्होंने वर्ष 2000 में प्रतिज्ञा की थी कि वे झूलाघाट में मोटर पुल बनने के बाद अपने वाहन से भारत जाएंगे। पिथौरागढ़ के देवत गांव में उनकी ससुराल है। अपनी प्रतिज्ञा के चलते वे ससुराल के कार्यक्रमों में भी हिस्सा नहीं ले पाते हैं।

ईस्ट इंडिया कंपनी ने झूलाघाट में डेढ़ सौ वर्ष पहले दोनों देशों के बीच आवागमन को सुलभ बनाने के लिए पैदल पुल का निर्माण कराया था। पिछले 19 वर्षों से दोनों देशों की सीमावर्ती जनता मोटर पुल बनाने की मांग करते आ रही है। माओवादी आंदोलन के दौरान नेपाल की राजधानी काठमांडू से नेपाल मीडिया की एक टीम बैतड़ी आई थी।

सरकार ने सकारात्मक कदम नहीं उठाया

टीम ने क्षेत्र के समग्र विकास के लिए महाकाली नदी में मोटर पुल निर्माण को बेहद जरूरी बताया था। बैतड़ी उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष नर बहादुर चंद ने बताया कि तभी उन्होंने ठान लिया था कि जब तक मोटर पुल का निर्माण नहीं हो जाता वे भारत नहीं जाएंगे। उन्होंने अमर उजाला को बताया कि उनका ससुराल पिथौरागढ़ के विण विकासखंड के देवत गांव में है।

उनके ससुराल में कुछ न कुछ कार्यक्रम होते रहते हैं। अपनी प्रतिज्ञा के कारण वे देवत में होने वाले कार्यक्रमों में नहीं जा पाते हैं, जिसकी वजह से उनकी पत्नी भी दुखी होती है। 19 वर्षों से व्यापार मंडल अध्यक्ष रहते हुए सभी मंचों से मोटर पुल निर्माण की बात उठाते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी सरकार ने सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। उनका कहना है कि पुल बनने से ही सीमावर्ती क्षेत्रों का समग्र विकास संभव है।

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