देहरादून। कैग की रिपोर्ट में सरकार की नाकामियों की सारी कहानी सामने आने से विपक्ष कांग्रेस को सरकार पर हमले का एक नया हथियार हाथ लग गया है। कैग की रिपोर्ट पर आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार वित्तीय प्रबन्धन में पूरी तरह फेल हो चुकी है। तथा राज्य में विकास का पहिया पूरी तरह से थम चुका है।
प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि कैग की रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि भाजपा कैसी सरकार चला रही है। राज्य कर्जे में इस कदर डूब चुका है कि उसे कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। इससे शर्मनाक स्थिति और क्या हो सकती है। उन्होने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की बात करने वाली सरकार की कलई कैग की इस रिपोर्ट ने खोल दी है। तमाम विभागों में जिस स्तर पर आर्थिक घोटाले और वित्तीय अनियमितताएं सामने आयी है उसने इस सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री ने शपथ लेने के साथ ही लोकायुक्त गठन की पहल की थी लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी लोकायुक्त का गठन नहीं किया जा रहा है। जिसकी राज्य को सख्त जरूरत है क्योंकि राज्य में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है।
उधन सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री को जरा भी लोकलाज है तो उन्हे तुरन्त पद छोड़ देना चाहिए। क्योंकि वह इस पद पर रहने के लायक ही नहीं है। सरकार का वित्तीय प्रबन्धन कुछ है नहीं सरकार को यही नहीं पता है कि हमारी राजस्व प्राप्तियां क्या है? तथा हमारे खर्चे क्या है। आठ महीने से राज्य में एक स्वतंत्र प्रभार वाला वित्त मंत्री नहीं है। मुख्यमंत्री पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य, वित्त जैसे दर्जनों विभाग अपने पास रखे हुए है जबकि वह किसी एक विभाग का भी काम ठीक से नहीं देख पा रहे है। सरकार केन्द्र पोषित योजनाओं के कामों को करा कर अपने विकास कार्यो में गिना रही है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक अब स्थापना कार्यो में धन व्यय का हवाला देकर जवाब देही से बचना चाहते है। धस्माना ने सरकार को चुनौती दी है कि वह अपने कार्यकाल के अस्थपना कार्यो पर श्वेत पत्र जारी करें, दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा।
उन्होने कहा कि खनन और आबकारी जैसे विभागों की कमाई घट गयी है। वन विभाग में नौ करोड़ का घोटाला हुआ है विपक्ष को सरकार विपक्ष ही समझती है। संख्याबल के आधार पर जनहितों से खिलवाड़ कर रही है। पंडा, पुजारी और पुरोहित सरकार के रवैये से परेशान है। विपक्ष से किसी मुद्दे पर उसकी राय तक जानने का प्रयास सीएम द्वारा नहीं किया जाता। सूबे में वह एक तानाशाह की तरह काम कर रहे है। जिसका नतीजा अब सबके सामने है। कैग की रिपोर्ट सत्र के अंतिम दिन इसीलिए पटल पर रखी गयी कि जवाब देही और चर्चा से बचा जा सके।
मदन कौशिक ने दी सफाई
देहरादून। सरकार की खराब आर्थिक स्थिति और वित्तीय प्रबन्धन में विफलता पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि सरकार द्वारा अवस्थापना कार्यो में जो धन अधिक खर्च किया गया, के कारण आर्थिक दिक्कतें पैदा हुई है। उन्होने सफाई देते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि सरकार की राजस्व प्राप्तियां घटी है। कुछ मदों में अगर राजस्व घटा है तो दूसरे मदों में राजस्व बढ़ा भी है। विकास कार्यो में जो पैसा खर्च किया जा रहा है वह सरकार का खर्चा नहीं कहा जा सकता है। उन्होने कहा कि आर्थिक स्थिति थोड़ी बहुत ऊपर नीचे होती रहती है।