उर्गम घाटी के करीब एक दर्जन गांवों को यातायात से जोड़ने वाली हेलंग-उर्गम सड़क 17 अक्तूबर को देर रात से बंद पड़ी है। शनिवार को शाम चार बजे सड़क को वाहनों की आवाजाही के लिए खोला गया, लेकिन शाम छह बजे पहाड़ी से बोल्डर और भारी मात्रा में मलबा आने से सड़क फिर अवरुद्ध हो गई।
शुरूआत के पांच किलोमीटर तक सड़क खस्ताहाल में पहुंच गई है। ग्रामीणों का कहना है कि पीएमजीएसवाई के तहत दस साल पहले इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा हुआ था। लेकिन आज तक सड़क की स्थिति को सुधारा नहीं गया है। सड़क पर कहीं पुश्ते निर्माण नहीं है तो कहीं नाली नहीं है। जिससे बारिश होने पर सड़क जगह-जगह ध्वस्त हो जाती है। उर्गम घाटी में पंचम केदार कल्पेश्वर और पंच बदरी में ध्यानबदरी मंदिर स्थित है, जिससे यहां पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की वर्षभर आवाजाही बनी रहती है।
साथ ही इस सड़क से उर्गम घाटी की करीब 15 हजार आबादी जुड़ी हुई है। लेकिन सड़क कभी कभार ही सही हालत में रहती है। सड़क से डामर भी पूरी तरह से उखड़ चुका है। जगह-जगह पुस्ते टूटे पड़े हैं। क्षेत्र में हर साल हजारों पर्यटक और यात्री आते हैं, सड़क की दयनीय स्थिति के चलते कई बार पर्यटक आधे रास्ते से ही लौट जाते हैं। बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सड़क पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। ब्लॉक प्रमुख जोशीमठ हरीश परमार, प्रधान संगठन के अध्यक्ष अनूप सिंह, ग्राम प्रधान देवग्राम देवेंद्र रावत, उप प्रधान चंद्रप्रकाश नेगी, उर्गम प्रधान मिंकल देवी, भर्की प्रधान मंजू देवी और जनदेश संस्था के सचिव लक्ष्मण नेगी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर सड़क के तृतीय फेज के तहत सुधारीकरण और डामरीकरण के लिए बजट स्वीकृत करने की मांग उठाई है।