देहरादून। संवाददाता। चुनाव प्रचार में जुटे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि यूं तो हर चुनाव अहम होता है लेकिन वह सूबे के मुख्यमंत्री है इसलिए वर्तमान लोकसभा चुनाव उनकी भी साख के सवाल से जुड़ा हुआ है उनके सामने एक बार फिर राज्य की सभी पांच लोकसभा सीटें जीतने की चुनौती है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि इस चुनाव की शुरूआत कांग्रेस के 55 साल बनाम केन्द्र की मोदी सरकार के 55 महीने से हुई थी। लेकिन चलते चलते अब यह चुनाव राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पहुंच चुका है। उनका मानना है कि देश की जनता एक बार फिर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र में उनकी सरकार बनाने का मन बना चुकी है। उन्होने भाजपा की जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि राज्य में पिछली बार भाजपा ने भारी अंतर से सभी 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी अब उनके सामने एक बार फिर से सभी पांच सीटों पर जीत हासिल करने की चुनौती है। यहंा यह भी उल्लेखनीय है कि अब तक कोई भी दल दोबारा सभी पांच सीटें जीत नहीं सका है।
2009 में कांग्रेस ने सभी पांच सीटें जीती थी। मुख्यमंत्री का कहना है कि लेकिन पांच सालों में केन्द्र की मोदी सरकार और दो साल में प्रदेश में उनकी सरकार द्वारा जो विकास और जनहित के काम किये गये है जनता उस पर सहमति की मुहर लगायेगी।
पौड़ी से मनीष खण्डूरी के चुनाव मैदान में उतरने और अब कांग्रेस के लिए खण्डूरी है जरूरी हो जाने के सवाल पर उनका कहना है कि बीसी खण्डूरी भाजपा और हमारे वरिष्ठ नेता है पार्टी उनका पूरा सम्मान करती है तथा वह आज भी भाजपा के साथ है अब अगर उनका बेटा कांग्रेस से चुनाव लड़ रहा है तो इसमें कोई ऐसी बात नहीं है। भाजपा को मनीष के चुनाव लड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। त्रिवेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व के सामने कहीं भी नहीं टिकते है। कांग्रेस के पास नेतृत्व की कमी है उनका व्यवहारिक ज्ञान व व्यवहार भी छोटे स्तर का है। कभी वह पुलवामा पर सबूत मांगते है तो कभी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते है। पब्लिक भी उनकी बात को गम्भीरता से नहीं लेती है उनका कहना है कि उनके नीतिकार भी उन्हे अच्छी सलाह नहीं देते है ऐसे में कांग्रेस का क्या भविष्य हो सकता है। उन्होने कहा कि चुनाव एक चुनौती है लेकिन वह इस बार सभी पांच सीटें जीत कर दिखायेंगे व इसके लिए वह मेहनत कर रहे है।