अमेरिका का ‘रोमियो’ बढ़ाएगा भारतीय नौसेना की ताकत

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एमएच-60 'रोमियो' सी हॉक हेलीकॉप्टर
दिल्ली। अमेरिका ने 2.4 अरब डॉलर की अनुमानित कीमत पर भारत को 24 बहुउपयोगी एमएच-60 ‘रोमियो’ सी हॉक हेलीकॉप्टर की बिक्री को मंजूरी दे दी है। भारत को पिछले एक दशक से ज्यादा समय से इन हंटर हेलीकॉप्टरों की जरूरत थी।

रिपोर्ट के अनुसार भारतीय नौसेना के लिए 24 हेलिकॉप्टर की तुरंत आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारत ने अमेरिका को खत भी लिखा था। रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने अगस्त माह में इन हेलिकॉप्टर की खरीद को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही 111 अन्य हेलिकॉप्टर की खरीद को भी मंजूरी दी गई थी।

कैसे हैं ‘रोमियो’ हेलिकॉप्टर?
लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित ये एमएच-60 रोमियो सीहॉक हेलिकॉप्टर पनडुब्बियों और पोतों पर अचूक निशाना साधने में सक्षम हैं। ये हेलीकॉप्टर समुद्र में तलाश एवं बचाव कार्यों में भी उपयोगी हैं। ये दुश्मन की नावों को ट्रैक कर उनके हमलों को रोकने के लिए परिष्कृत लड़ाकू प्रणालियों- सेंसर, मिसाइल और टॉरपीडो से लैस हैं।

ये हेलिकॉप्टर अमेरिकी नौसेना में एंटी-सबमरीन और एंटी-सरफेस वेपन के रूप में तैनात हैं। ये भारतीय रक्षा बलों को सतह रोधी और पनडुब्बी रोधी युद्ध मिशन को सफलता से अंजाम देने में सक्षम बनाएंगे। दुनियाभर की नौसेना द्वारा इन्हें तैनात किया जाता है, जिनमें रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी भी शामिल है।

इन हेलीकॉप्टरों की अनुमानित कीमत 2.4 अरब डॉलर होगी। इस बिक्री से उस बड़े रक्षा साझीदार की सुरक्षा स्थिति सुधरेगी जो हिंद प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति एवं आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण कारक रहा है। रोमियो हेलिकॉप्टरों से भारतीय फौजों की एंटी-सरफेस (जमीन) और एंटी-सबमरीन सुरक्षा क्षमता में बढ़ोतरी होगी।

एमएच-60 'रोमियो' सी हॉक हेलीकॉप्टर

मौजूदा हेलिकॉप्टरों में से सबसे आधुनिक इस हेलिकॉप्टर को जंगी जहाज, क्रूजर्स और एयरक्राफ्ट करियर से ऑपरेट किया जा सकता है। ये हेलिकॉप्टर एंटी-सबमरीन के अलावा निगरानी, सूचना, मालवाहक, निजी वाहन, सर्च और बचाव, गनफायर और लॉजिस्टिक सपोर्ट में कारगर हैं।

भारत को कैसे सहायता देगा ‘रोमियो’ ?
इस हेलिकॉप्टर के आने से भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। इस वक्त नौसेना ब्रिटिश सी किंग हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक ये उन्हीं की जगह लेंगे। ये सौदा भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन तेजी से हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी पैठ मजबूत करता जा रहा है।

चीन की बढ़ती पैठ भारत के लिए खतरा बन रही है। भारत को घेरने के लिए चीन पहले से ही पड़ोसी देशों में अपनी पकड़ मसबूत कर रहा है। वह विकास के नाम पर पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका आदि देशों को कर्ज के जाल में फंसा रहा है। चीन समुद्र में भी यही नीति अपना रहा है।

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