चारधाम यात्रा समाप्ति की ओर, अब शीतकालीन पर्यटन की तैयारी में जुटी सरकार

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उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने कवायद तेज कर दी है। चारधाम यात्रा के अब समाप्ति की ओर अग्रसर होने के कारण शीतकालीन पर्यटन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस कड़ी में विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीड़ा केंद्र औली में शीतकालीन खेलों की तैयारी है तो नैनीताल, मसूरी समेत अन्य पर्यटक स्थलों में विंटर कार्निवाल की। शीतकाल में सैलानियों को होम स्टे, होटल आदि में कुछ छूट देने पर भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।

सामान्य परिस्थितियों में उत्तराखंड में प्रति वर्ष करीब साढ़े तीन करोड़ सैलानी आते हैं। इनमें करीब 45 प्रतिशत भागीदारी चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में आने वाले यात्रियों की होती है, जबकि शेष यहां के प्राकृतिक स्थलों में आते हैं। साफ है कि पर्यटन की राज्य की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन पिछले साल मार्च से कोरोना संकट के कारण पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

हालांकि, सरकार ने पर्यटन और चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े होटल, परिवहन व साहसिक पर्यटन से संबंधित व्यक्तियों एवं कर्मचारियों को संकट से उबरने के लिए आर्थिक राहत दी है। अब जबकि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्थिति नियंत्रण में है तो सरकार का प्रयास है कि पर्यटन व तीर्थाटन को फिर से बूस्ट अप किया जाए। इस कड़ी में 18 सितंबर से शुरू हुई चारधाम यात्रा को लेकर यात्रियों ने गजब का उत्साह दिखाया। अब तक 4.77 लाख यात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। यद्यपि, चारधामों में से वर्तमान में केदारनाथ, गंगोत्री व यमनोत्री के कपाट बंद हो चुके हैं, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को बंद होने हैं।

इस सबको देखते हुए अब शीतकालीन पर्यटन पर फोकस किया जा रहा है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार केदारनाथ की डोली ऊखीमठ, गंगोत्री की मुखबा और यमुनोत्री की डोली शीतकाल के लिए खरसाली में विराजमान हो चुकी है। बदरीनाथ के कपाट बंद होने पर भगवान बदरीनारायण भी जोशीमठ में विराजेंगे। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु शीतकाल में इन स्थलों पर भी आएं, इसके लिए संबंधित क्षेत्रों की धारण क्षमता के अनुसार सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।

महाराज ने बताया कि औली हमेशा से ही सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहा है, वहां शीतकालीन खेलों का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में कवायद चल रही है। उन्होंने बताया कि नैनीताल, मसूरी समेत अन्य पर्यटक स्थलों में इस बार विंटर कार्निवाल भी आयोजित किए जाएंगे, जो पिछली बार नहीं हो पाए थे। इसके साथ ही राज्य के प्रमुख स्थलों के बारे में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार के अलावा महानगरों में भी कार्यक्रम आयोजित कर पर्यटकों को उत्तराखंड आमंत्रित करने की रणनीति तैयार की जा रही है।

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