राम लला के वकील; 93 साल के परासरण 24 नवंबर को अयोध्या निर्णय की प्रति रामलला को सौपेंगे

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नई दिल्ली : राम जन्मभूमि विवाद पर रामलला विराजमान की पैरवी करने वाले वकील के परासरण की अगुवाई में 24 नवंबर को राम जन्मभूमि विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की लिखित प्रति को रामलला को अर्पित करेंगे। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के वरिष्ठ नेता भी के परासरण की अगुवाई वाले वकीलों के समूह के साथ 24 तारीख को अयोध्या में मौजूद रहेंगे।

आपको बता दें कि 24 नवंबर को होने वाले इस कार्यक्रम में 9 नवंबर को अयोध्या विवाद पर आए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का जश्न मनाया जाएगा और इस अवसर पर हिंदू पक्ष की दलीलों को रखने वाले वकीलों को सम्मानित किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार 93 साल के परासरण के साथ दो दर्जन वरिष्ठ वकील पहले कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और उसके बाद राम जन्मभूमि मंदिर में पहुँचकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की प्रति रामलला को अर्पित करेंगे। सभी वकील अयोध्या के राजा कहे जाने वाले हनुमान के मंदिर रामगढ़ी भी जाएँगे।

अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा ने बताया कि सत्कार का कार्यक्रम 23 नवंबर को कर्सेवकपुराम में होगा। चंपत राय और दिनेश चंद्र जैसे वीएचपी के बड़े नेता भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। इस कार्यक्रम की देखभाल और व्यवस्था के लिए तीन जिलाधिकारियों की नियुक्ति की गई है।

इससे पहले 9 नवंबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दो बड़े नेताओं, मोहन भागवत और सुरेश भैयाजी जोशी ने राम मंदिर पर आए निर्णय के तुरंत बाद परासरण के घर जाकर उनसे भेंट की थी।

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