विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के सेक्टर-14 स्थित शिविर में गुरुवार यानि आज से दो दिनों तक चलने वाली धर्मसंसद की शुरुआत हो गई है। संतों का मंच पर आना शुरू हो गया है। सर संघचालक मोहन भागवत धर्मसंसद में शामिल होने के लिए सेक्टर शिविर में पहुंच चुके हैं। मोहन भागवत के पहुंचते ही जय श्री राम के नारे लगने शुरू हो गए।
प्रयागराज : मोहन भागवत ने कहा कि, हिंदु समाज को एकजुट होना होगा। आज के समय में जरूरत इस बात की है कि, हम युवाओं को जड़ों से जुड़ने का संस्कार दें। जब युवा जड़ से जुड़ेंगे तभी हिंदू समाज एक होगा और हिंदू समाज का उत्थान होगा। मोहन भागवत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारे मंदिर को पब्लिक प्लेस बताया है, लेकिन ऐसा नहीं है। यह पब्लिक प्लेस होने के साथ-साथ हिन्दू समाज का एक देव स्थान है। कोर्ट का आदेश हमें सही नहीं लगता है। हिंदू धर्म की महिलाएं सबरीमाला मंदिर में स्वेच्छा से प्रवेश नहीं करती है। कोर्ट के आदेश को दिखाने के लिए श्रीलंका और कई जगह की महिलाओं को बुलाकर प्रवेश कराया जा रहा है।
धर्मसंसद में राम मंदिर निर्माण पर कल चर्चा होगी। धर्मसंसद को अभी सर संघचालक मोहन भागवत संबोधित कर रहे हैं। सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश पर मोहन भागवत ने कहा कि, कोर्ट ने कहा महिला अगर प्रवेश चाहती है तो करने देना चाहिए, अगर किसी को रोका जाता है तो उसको सुरक्षा देकर जहां से सब दर्शन कर सकें वहां से ले जाना चाहिए। लेकिन कोई जाना नहीं चाह रहा है इसलिए श्रीलंका से लाकर पीछे के दरवाजे से महिलाओं को घुसाया जा रहा है।
रामदेव ने कहा कि, जब संतो की बात पर वोट डाले जाएंगे तो धर्मसंसद की बात देश की संसद भी सुनेगी। रामदेव ने देश में कॉमन सिविल कोड लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश में दो बच्चों का कानून लागू होना चाहिए। दो बच्चों से ज्यादा पैदा करने वालों से वोट का अधिकार छीन लेना चाहिए।दो दिन तक चलने वाली धर्म संसद में देशभर के तकरीबन 5,000 साधु-संत जुटे हैं। इस आयोजन में वीएचपी और संघ के बड़े पदाधिकारी भी पहुंच रहे हैं। वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे समेत वीएचपी की पूरी कार्यकारिणी कुंभ में हो रहे इस आयोजन में मौजूद हैं।
आज धर्मसंसद में सबरीमाला मंदिर पर अयोध्या जैसा आंदोलन चलाने और हिंदू समाज के विघटन को रोकने का प्रस्ताव पास किया गया है। धर्म संसद में आज का विषय सबरीमाला मंदिर में माहिलाओं का प्रवेश, रखा गया है। राम मंदिर का विषय कल रहेगा। फिर भी संघ पदाधिकारियों और सीएम के साथ हुई वार्ता में मंदिर को लेकर ही वार्ता हुई है। धर्मसंसद में श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और मणि रामदास जी छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास पहुंचे हैं।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के सेक्टर-14 स्थित शिविर में गुरुवार यानि आज से दो दिनों तक चलने वाली धर्मसंसद की शुरुआत हो गई है। संतों का मंच पर आना शुरू हो गया है। सर संघचालक मोहन भागवत धर्मसंसद में शामिल होने के लिए सेक्टर शिविर में पहुंच चुके हैं। मोहन भागवत के पहुंचते ही जय श्री राम के नारे लगने शुरू हो गए।
विहिप के पंडाल, धर्म संसद के हॉल और प्रवेश द्वार को भगवा रंग से सजा दिया गया है। देर रात तक पूरे शिविर को लाल-पीले गेंदे के फूल से सजाने का काम जारी था। धर्म संसद में भाग लेने के लिए देश के कई अन्य राज्यों से भी संतों का विहिप के शिविर में पहुंचने का सिलसिला जारी है। धर्म संसद को लेकर मेला क्षेत्र में राजनीतिक हलचल भी तेज रही। संतों के शिविरों में चर्चा और मंथन का दौर चला। हालांकि धर्म संसद, विहिप के एजेंडे और सरकार की कोशिशों पर संतों का रुख स्पष्ट नहीं दिखा।
धर्म संसद के लिए साधु-संतों के साथ ही देश भर के विहिप कार्यकर्ताओं को भी निमंत्रण दिया गया था। इसके चलते बड़ी संख्या में संगठन के कार्यकर्ताओं केभी देश के कोने-कोने से शिविर पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। संगठन के पदाधिकारियों के मुताबिक अब तक देश के विभिन्न राज्यों से करीब 1500 कार्यकर्ता शिविर में पहुंच गए हैं।
विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अंबरीश ने बताया कि धर्म संसद के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। धर्म संसद में भाग लेने के लिए संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे, कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, महामंत्री मिलिंद पराडे, संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे पहुंच चुके हैं। धर्म संसद में मेला क्षेत्र के साथ ही देश के कई राज्यों से आए सैकड़ों की संख्या में पूज्य साधु-संत मौजूद हैं। उनका मार्गदर्शन लेने के लिए हजारों की संख्या में संगठन के कार्यकर्ता भी मौजूद हैं।
विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि धर्म संसद में सरसंघ चालक मोहन भागवत सहित देश-विदेश के संत-धर्माचार्य शामिल हो रहे हैं। राजनीतिक हस्तियां धर्म संसद में शामिल नहीं होगी।
एक फरवरी को राममंदिर से संबंधित प्रस्ताव धर्म संसद में पेश किया जाएगा। राममंदिर मुद्दे पर संत जो निर्णय लेंगे उसी अनुसार कार्य किया जाएगा रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य महंत कमलनयन दास ने कहा कि धर्मसंसद राममंदिर निर्माण की दिशा तय करने वाला होगा। राममंदिर को लेकर संत समाज अब और प्रतीक्षा नहीं कर सकता।
वहीं अयोध्या में जल्द राम मंदिर निर्माण शुरू कराने को लेकर अड़ी विश्व हिंदू परिषद को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का समर्थन मिलता दिख रहा है। यहां पहुंचे आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत और विहिप पदाधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद यह तय माना जा रहा है कि विहिप की आज से शुरू हो रही दो दिवसीय धर्म संसद में ही मंदिर निर्माण की तारीख की घोषणा कर दी जाएगी।