‘चैकीदार चोर है’ पर राहुल गांधी ने मांगी माफी, खेद से सुप्रीम कोर्ट नाखुश

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दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे को लेकर ‘चैकीदार चोर है’ का नारा दिया है। इस बयान की वजह से उनकी मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में अवमानना मामले पर सुनवाई हुई। अदालत में राहुल ने जो हलफनामा दायर किया है उसकी भाषा पर न्यायालय ने नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने पूछा कि क्या खेद जताने के लिए 22 पेज का हलफनामा दिया जाता है? इसके बाद राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने मुवक्किल की तरफ से माफी मांगी।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि ब्रैकिट में खेद जताने का क्या मतलब है। कहीं आपने गलती मानी है तो कहीं पर इनकार किया है इसका क्या मतलब है? अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष को नया हलफनामा दाखिल करने की इजाजत दे दी है। हालांकि अदालत का कहना है कि वह इस नए हलफनामे को स्वीकार करेंगे या नहीं इसपर अगले सोमवार को सुनवाई होगी। सिंघवी ने स्वीकार किया कि हमने जो हलफनामा दायर किया था उसमें तीन गलतियां थी।

मुख्य न्यायाधीश ने राहुल के वकील से पूछा कि जब हमने अपने फैसले में यह बातें (चैकीदार चोर है) कही नहीं तो ऐसा क्यों कहा जा रहा है। अदालत ने राहुल के हलफनामे की भाषा पर सवाल उठाए। सीजेआई गोगोई ने पूछा कि आपने दूसरा हलफनामा क्यों दायर किया है। आपने पूरा खेद कहां जताया है। न्यायाधीश कौल ने राहुल के वकील से कहा कि आप अपनी गलती का बचाव कर रहे हैं।

इसके जवाब में सिंघवी ने अपनी बात रखने के लिए दस मिनट का समय मांगा। जिसपर न्यायाधीश ने कहा कि आप दस की बजाए तीस मिनट ले लें लेकिन इसका जवाब दें। सिंघवी मे माना की उनके हलफनामे में तीन गलतियां हैं जिसे कि वह स्वीकार करते हैं और इसपर खेद जताते हैं जो माफी के समान है। उन्होंने कहा कि मैं तीन गलतियां मानता हूं लेकिन हमारा राजनीतिक रुख भी है।

राहुल गांधी द्वारा की गई अवमानना को लेकर अदालत ने मीनाक्षी लेखी से पूछा कि उनपर (राहुल) किस तरह से अवमानना का मामला बनता है। जिसके जवाब में उन्होंने गांधी का बयान सुनकर पढ़ाया जिसमें उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि चैकीदार ने चोरी की है। उन्होंने मीडिया की कई रिपोर्ट्स को अदालत के समक्ष रखा। लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि राहुल गांधी बाहर इसे अपनी जीत बता रहे हैं। अदालत ने जब किसी राजनीतिक नारे को तवज्जो नहीं दी तो वह इसका इस्तेमाल किस तरह से कर रहे हैं।

राफेल पर भी हुई सुनवाई

सर्वोच्च न्यायालय ने राफेल मामले पर दाखिल पुनर्विचार याचिका के संबंध में केंद्र को अनौपचारिक नोटिस भेजा है। इस पर अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का वक्त मांगा था। हालांकि मंगलवार को कोर्ट ने कहा कि केंद्र को चार मई तक जवाब देना होगा। मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी।

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