दिल्ली। 23 मई को भारत में 17वीं लोकसभा के नतीजे आने वाले हैं। इन नतीजों का जितना भारत के लोगों को इंतजार है उससे कहीं ज्यादा बेचैन इस समय पड़ोसी देश पाकिस्तान है। बड़ी ही उत्सुकता के साथ वह चुनाव से संबंधित खबरों पर नजर गड़ाए हुए है। दोनों देशों के बीच जारी विवाद के बाद से उसकी चुनावों को लेकर रुचि हैरानी वाली बात नहीं है लेकिन वह नहीं चाहता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला एनडीए सत्ता में लौटे।
इसकी एक वजह भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानो पर की गई एयर स्ट्राइक है। बहुत से पाकिस्तानी नागरिक सोशल मीडिया पर मोदी की सत्ता में वापसी की उम्मीद जता चुके हैं। लाहौर के रहने वाले शाही आलम ने पाकिस्तानी टीवी टैनल से कहा, ‘उसे (पीएम मोदी) सत्ता में नहीं आना चाहिए। उसने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्रइक की थी।’
एजाज नाम के दूसरे शख्स ने कहा, ‘मुझे शक है कि मोदी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि उन्हें खंडित जनादेश मिलेगा और यह पाकिस्तान के लिए अच्छा है।’ कुछ महीने पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमराम खान ने कहा था कि यदि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जीत मिलती है तो दोनों देशों के बीच शांति वार्ता की संभावना ज्यादा होगी।
लंदन में रहने वाले एक पाकिस्तानी व्यावसायी रियाज ने कहा, ‘पाकिस्तान में रहने वाले लोगों और पाकिस्तान के बाहर रहने वाले लोगों की सोच अलग है। हमारा मानना है कि मोदी को दोबारा सत्ता में आना चाहिए। कम से कम इससे पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी संगठन हतोत्साहित होंगे और पाकिस्तान सरकार पर हमारी मातृभूमि से आतंकवाद को खत्म करने का दबाव बनेगा।’