दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय आंकड़ों के बजाए राज्य की आबादी के आंकड़ों के आधार पर किसी समुदाय को अल्पसंख्यक घोषित करने के लिए दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल से मदद मांगी है।
याचिका में राष्ट्रीय जनसंख्या अनुपात के आधार पर अल्पसंख्यक समुदाय घोषित करने वाले कानून को चुनौती दी गई है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की जनहित याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की इन दलीलों का संज्ञान लिया कि राष्ट्रीय आंकड़ों के आधार पर अल्पसंख्यक समुदाय घोषित करना गैरकानूनी है।
पीठ ने याचिकाकर्ता उपाध्याय से कहा कि वह अपनी याचिका की एक प्रति अटार्नी जनरल के कार्यालय में पहुंचाएं। न्यायालय इस याचिका पर अब चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगा।
उपाध्याय ने इस याचिका में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग कानून के तहत विभिन्न समुदायों को अल्पसंख्यक घोषित करने संबंधी अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी है।