प्रधानमन्त्री का व्यापारियों को दिवाली गिफ्ट; जीएसटी में किये बड़े बदलाव; टैक्स लिमिट हुई 75लाख से 1.50करोड़

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27 वस्तुओं पर जीएसटी दर कम की गई।

  • आम, खाखरा,  गैर-ब्रांडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया जाएगा। 
  • स्टेशनरी के कई सामान पर जीएसटी 28 से 18 प्रतिशत कर दी गई है. हाथ से बने धागों पर जीएसटी 18 से 12 प्रतिशत कर दी गई है।
  • प्लेन चपाती पर जीएसटी 12 से 5 प्रतिशत कर दी गई है. आईसीडीएस किड्स फूड पैकेट पर जीएसटी 18 से 5 प्रतिशत की गई है।
  • अनब्रैंडेड नमकीन पर 5 प्रतिशत जीएसटी की दर लागू होगी। 
  • डीजल इंजन के पार्ट्स पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगी. साथ ही दरी (कारपेट) पर जीएसटी की दर को 12 से 5 प्रतिशत कर दिया गया है। 
  • अब एक ही फॉर्म से जीएसटी फाइल की जा सकेगी. साथ ही रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को मार्च 2018 तक स्थगित कर दिया गया है। 

नई दिल्ली (एजेंसीज) : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आज (शुक्रवार को) हुई जीएसटी परिषद की बैठक में छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत का ऐलान किया गया। परिषद ने जीएसटी की एकमुश्त योजना (कंपोजिशन स्कीम) के तहत टर्नओवर सीमा 75 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी है।

इससे छोटे व्यापारी एक या दो फीसदी का एकमुश्त कर देकर जीएसटी के झंझट से बच सकते हैं। जीएसटी परिषद की शुक्रवार को 22वीं बैठक में यह फैसला लिया गया।  उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि जीएसटी से जुड़ी व्यापारियों को दिक्कतों को जल्द दूर किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था ‘हम लकीर के फ़कीर नहीं हैं। जब-जब और जो-जो आवश्यकता होगी वैसा परिवर्तन किया जायेगा।

इस बदलाव के बाद अब 20 लाख रुपए से अधिक और एक करोड़ रुपए तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी जीएसटी की कम्‍पोजिट स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। कम्‍पोजिट स्कीम के तहत टैक्स रेट कम है। इस स्कीम के तहत कारोबारियों को सिर्फ 2% टैक्स चुकाना होता है। कम्पोजिट स्कीम का फायदा रिटलेर, होलसेलर, मैन्युफैक्चरर, ट्रेडर्स, रेस्‍टोरेंट कारोबारी उठा सकते हैं।

परिषद की बैठक के दौरान बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिसमूह ने कारोबारियों के समक्ष आ रही दिक्कतों को लेकर अपनी सिफारिशें सौंपी। मंत्रिसमूह को जीएसटी नेटवर्क में आ रही दिक्कतों को जानने की जिम्मेदारी दी गई थी। परिषद ने निर्यातकों को तेजी से धन वापसी के साथ अनुपालन को लेकर राहत देने का भी निर्णय किया। दरअसल, जेटली के साथ पिछले माह बैठक में निर्यातकों ने कहा था कि उनके जीएसटी रिफंड में करीब 65 हजार करोड़ रुपये फंसे हुए हैं और रिफंड की प्रक्रिया तेज होनी चाहिए।

निर्यातकों से जुड़े मुद्दों पर गौर करने के लिए राजस्व सचिव हसमुख अधिया की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दी थी। हालांकि केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने जीएसटी परिषद को बताया कि वह 10 अक्तूबर से एकीकृत जीएसटी के रिफंड के लिए तैयार है।

बैठक के बाद वित्त मंत्री ने किए ये ऐलान

  • पहले 50,000 रुपये से ऊपर की ज्वेलरी खरीदारी पर पेन दिखाना जरुरी था। लेकिन जीएसटी में बदलाव के बाद अब 2 लाख से ऊपर की ज्वेलरी खरीद पर पैन दिखाना जरुरी कर दिया गया है।
  • जीएसटी के तहत अभी तक कारोबारी हर महीने रिटर्न फाइल कर रहे हैं। लेकिन अब हर 3 महीने में रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था पर सहमति बन गई है। 1.5 करोड़ रुपये टर्नओवर पर हर 3 महीने में रिटर्न भरनी होगी। बैठक के बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डेढ़ करोड़ रुपये सालाना कारोबार करने वाले व्यावसायी अब मासिक के बजाय तिमाही रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
  • कंपोजिशन स्कीम के तहत ट्रेडिंग करने वाले लोग अब 1 फीसदी टैक्स देंगे। मैन्युफैक्चरिंग करने वाले 2 फीसदी टैक्स देंगे। रेस्टोरेंट बिजनस वालों को 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
  • नियार्तकों के लिये ई-वॉलेट एक अप्रैल 2018 से शुरू होगा
  • जुलाई एक्सपोर्ट्स के रिफंड चेक 10 अक्टूबर तक प्रोसेस कर दिए जाएंगे। अगस्त एक्सपोर्ट्स के रिफंड चेक 18 अक्टूबर तक प्रोसेस कर दिए जाएंगे।

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