सुषमा स्वराज को अभी सार्वजनिक जीवन में रहकर बहुत योगदान देना था, स्तब्ध और दुखी हूंः सोनिया गांधी

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दिल्ली। सोनिया गांधी ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर बुधवार को दुख जताया और उनके साथ अपने मित्रवत संबंधों को याद करते हुए कहा कि सुषमा उस वक्त चली गईं जब उन्हें अभी सार्वजनिक जीवन में रहकर देश के लिए और योगदान देना था।

सुषमा के पति स्वराज कौशल को लिखे पत्र में सोनिया ने कहा कि मैं आपकी प्रिय पत्नी के आकस्मिक निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध और बहुत दुखी हूं। सोनिया ने कहा कि सुषमा स्वराज जी एक नैसर्गिक प्रतिभा वाली महिला थीं। उन्होंने जो भी पद संभाला उस पर रहते हुए उन्होंने साहस, प्रतिबद्धता, समर्पण और योग्यता का परिचय दिया। वह बहुत ही मिलनसार थीं और समाज के सभी तबकों के लोगों के साथ उनका गर्मजोशी भरा रुख होता था।

उन्होंने कहा कि सुषमा जी एक शानदार वक्ता, महान सांसद थीं और उनका मित्रवत स्वभाव ऐसा था कि संपूर्ण राजनीतिक परिदृश्य में उन्हें सबका स्नेह और प्रशंसा मिली। लोकसभा में वर्षों तक सहयोगी के तौर पर हमने काम किया और हमारे बीच एक गर्मजोशरी भरा संबंध बना। आज मुझे बहुत क्षति का आभास हो रहा है।

सोनिया ने कहा कि वह बहुत कम उम्र में हमें उस वक्त छोड़कर चली गईं जब उन्हें अभी सार्वजनिक जीवन में रहकर बहुत योगदान देना था। इसको देखते हुए उनका निधन और दुखद है। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में आपके और बांसुरी (बेटी) के प्रति मेरी संवेदना है। ईश्वर आपको यह क्षति बर्दाश्त करने की शक्ति दे। गौरतलब है कि सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। वह 67 वर्ष की थीं।

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