दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले पर सोमवार को संविधान पीठ के पांच न्यायाधीशों में से एक के मौजूद ना होने के कारण सुनवाई नहीं हुई। उच्चतम न्यायालय में इस मामले पर प्रतिदिन सुनवाई चल रही है और सोमवार को सुनवाई का आठवां दिन है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ राम लला विराजमान के वकील सी.एस वैद्यनाथन की दलील सुनने वाली थी। सुनवाई शुरू होने से कुछ मिनट पहले अदालत के कर्मचारियों ने दोनों पक्षों के वकीलों को बताया कि न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे आज मौजूद नहीं हैं।
अधिवक्ता वैद्यनाथन ने शुक्रवार को पीठ से कहा था कि एससआई की रिपोर्ट के अनुसार वहां ईसापूर्व दूसरी शताब्दी का स्तंभ आधारित एक भव्य ढांचा मौजूद था और एएसआई के सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि उस स्थल पर स्तंभों वाला एक मंडप था।
शीर्ष अदालत अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि के मालिकाना हक के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही है।
बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इस संवैधानिक पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं।