शाहजहांपुर। स्वामी चिन्मयानंद के जेल चले जाने के बाद जब पीड़ित छात्रा से पूछा गया कि क्या वह कार्रवाई से संतुष्ट हैं, तो उसका जवाब था कि वह बिल्कुल संतुष्ट नहीं है क्योंकि एसआईटी ने हल्की धाराएं लगाई हैं। उसे इंसाफ मिलता नजर नहीं आ रहा है। उसने कहा कि फिरौती मांगने से उसका कोई लेनादेना नहीं है उसके केस को कमजोर करने के लिए कोई नया पहलू निकाला गया है।
पीड़ित छात्रा को भी जाना पड़ सकता है जेल
फिरौती मामले में पीड़ित छात्रा की संलिप्ता देखी जा रही है। वीडियो में उसकी स्वीकारोक्ति नजर आ रही है। वीडियो दिखाने पर पांच करोड रुपये मांगने की बात भी स्वीकार की है। वहीं गाड़ी में मौजूद ड्राइवर की संलिप्तता सामने नहीं आई है, फिर भी उसके मोबाइल को कब्जे में लिया गया है। मोबाइल डाटा कलेक्ट किया जा रहा है। यदि इसमें वह शामिल नजर आया तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
संजय से 42 सौ और स्वामी से 200 बार हुई मोबाइल से बात
एसआईटी प्रमुख आईजी नवीन अरोड़ा ने बताया कि कॉल डिटेल्स निकलवाने पर पता चला है कि एक जनवरी से अब तक संजय से छात्रा की 42 सौ बार बात हुई है और स्वामी चिन्मयानंद से भी दो सौ बार बात हुई है। इन तथ्यों को भी विवेचना में शामिल किया गया है।
बरेली से शिमला, राजस्थान तक घूमते रहे
शाहजहांपुर से बरेली से शाहजहांपुर, दिल्ली से शाहजहांपुर और यहां से शिमला, राजस्थान के दौसा तक के रूट का भी डाटा एसआईटी ने निकाल लिया। आईजी ने बताया कि मोबाइल की बरामदगी, मोबाइल के डिलीटे डाटा रिकवरी, सीसीटीवी की फोरेंसिक विश्लेषण रिपोर्ट मिलने पर और साक्ष्य इकट्ठे किए जाएंगे।
आश्रम से लेकर कोर्ट तक पुलिस फोर्स के साथ अफसर रहे तैनात
स्वामी की गिरफ्तारी के मद्देनजर एसआईटी की टीम ने चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स की तैनाती करवा दी। संभावना थी कि यदि स्वामी की गिरफ्तारी के दौरान कहीं कोई विरोध हुआ तो उस पर काबू कर लिया जाए। आश्रम और मेडिकल कॉलेज में तैनात भारी संख्या में पुलिस फोर्स पर निगरानी कर रहे थे, वहीं एसपी डॉ. एस चन्नप्पा सुबह जजी कचहरी परिसर पहुंच गए और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। यहां पर एएसपी सिटी दिनेश त्रिपाठी भी लगाए गए थे। वहीं एएसपी ग्रामीण अपर्णा गौतम एसआईटी के साथ नजर आईं।