- इन दिनों केदारघाटी के गांव-कस्बे सन्नाटे में हैं। ग्रामीण घरों में कैद रहने को विवश हैं।
- ऐसे में विवाह जैसे आयोजन चुनौती बन रहे हैं।
- तीन फीट बर्फ के बीच बराती पैदल चलकर मक्कूमठ गांव गए और इसी तरह दुल्हन को लेकर वहां से लौटे।
- दूल्हे के पिता हर्षमणि ने बताया कि परिवार तनाव में था, लेकिन बरात के सकुशल पहुंचने के बाद सबने राहत की सांस ली।
रुद्रप्रयाग : केदारघाटी में लगातार हो रही बर्फबारी जिंदगी में कुछ साहसिक आनंद के पल भी ला रही है। लोग इससे भी हैं, जिनके घर में शादी-ब्याह जैसे आयोजन होने हैं उनको कठिनाई है। बर्फ से ढके त्रियुगीनारायण गांव में कुछ ऐसा ही हुआ हर्षमणि के घर में। बेटे रजनीश की शादी थी। ऐसे में बर्फबारी के दौरान ही बरात पैदल रवाना हुई और दस किलोमीटर की यात्रा तीन फीट बर्फ के बीच हुई। शाम हो दुल्हन लेकर घर पहुंचने के बाद ही हर्षमणि ने राहत की सांस ली।
भारी बर्फबारी के कारण इन दिनों केदारघाटी के गांव-कस्बे सन्नाटे में हैं। ग्रामीण घरों में कैद रहने को विवश हैं। ऐसे में विवाह जैसे आयोजन चुनौती बन रहे हैं। रुद्रप्रयाग से 80 किलोमीटर दूर ऊखीमठ ब्लाक के त्रियुगीनारायण गांव में लगातार बर्फबारी के बीच हर्षमणि के घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। मौसम को लेकर बनी ऊहापोह के बीच परिजन बाबा केदार से प्रार्थना कर रहे थे कि शुक्रवार को मौसम साफ रहे।
लेकिन शुक्रवार को भी मौसम ने अपना रंग नहीं बदला। गुरुवार आधी रात से एक बार फिर बर्फबारी शुरू हो गई। घर का आंगन भी बर्फ से ढक गया। किसी तरह घर के भीतर ही सभी रस्में पूरी की गईं। बरात पास के गांव मक्कूमठ जानी थी। तय किया गया कि 25-30 लोग ही बरात में जाएं, लेकिन जिन वाहनों में बरातियों को जाना था, वे मार्ग में ही फंसे हुए थे। पैदल जाने के सिवाए कोई चारा नहीं था।
किसी तरह तीन फीट बर्फ के बीच बराती पैदल चलकर मक्कूमठ गांव गए और इसी तरह दुल्हन को लेकर वहां से लौटे। दूल्हे के पिता हर्षमणि ने बताया कि परिवार तनाव में था, लेकिन बरात के सकुशल पहुंचने के बाद सबने राहत की सांस ली।