हजारों किलोमीटर की आसमानी दूरी तय कर भारत पहुंचे साईबेरियन पक्षियों की सुरक्षा का जिम्मा अब उत्तराखंड ने ले लिया है यदि कोई इन पक्षियों की जान के साथ खिलबाड़ करता व शिकार करता हुआ मिला तब उनकी खैर नही है। इंसानो को मारने जैसे ही मुकदमा होगा और उसे जेल की हवा खानी पड़ेगी। इसी तरहं का मामला उधम सिंह नगर में आया जहां तीन अज्ञात लोगो को झेलना पड़ेगा क्यों इन्होंने 12 विदेशी पक्षियों की जान ली है। तीनो लोगो पर अब मुकदमा दर्ज कर इनकी खोज शुरू कर दी है।
उत्तराखंड में हर साल भारी संख्या में विदेशी साइबेरियन पक्षी आते हैं। यह साइबेरियन पक्षी बाजपुर के समीप स्थित हरिपुरा जलाशय में भी हर साल प्रवास के लिए आते हैं। लेकिन हरिपुरा जलाशय साइबेरियन पक्षियों की मौत की जगह बनते जा रहा है। जहां शिकारी साइबेरियन पक्षियों को मारने के लिए निगाह गड़ा कर बैठे हैं। यही कारण है कि शिकारियों ने 12 सुंदर और अनमोल पक्षियों को जहर देकर मौत के घाट उतार दिया है। बोर और हरिपुरा जलाशय क्षेत्र में पर्याप्त हलचल और पर्यटन केंद्र बन जाने के बावजूद मेहमान पक्षियों का शिकार विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। बता दें कि एक तरफ विश्व भर में भारत को बर्डवाचिंग के क्षेत्र में अग्रदूत बनाने के लिए तमाम प्रयास शुरू किए गए हैं। जिसके चलते भाजपा क्षेत्र में भी वर्ड वाचिंग के लिए शासन स्तर से कवायद शुरू की हो चुकी है ऐसे में विदेशी पक्षियों के कत्ल की घटनाएं सभी को विचलित करने वाली बनी हुई है। प्रत्येक वर्ष माह नवम्बर से सुदूर साईबेरिया, रुस, कजाकिस्तान, बर्फीले यूरोप एवं उत्तरी एशिया से हजारो किलोमीटर का सफर तय कर साइबेरियन पक्षी बौर एवं हरिपुरा जलाशय में शीत प्रवास करने पहुंचते हैं। दोनो जलाशयों के उथले जल क्षेत्र में लाल सर वाली बत्तख, सुर्खाब, कूट्स, जलमुर्गी और हजारों की संख्या में साइबेरियन बत्तखों सहित बेहद खूबसूरत परिंदे यहां प्रवास कर, उथले जल में मौज करते है। मार्च और अप्रैल में गर्मियों की शुरुआत होते ही ये हजारों मेहमान परिंदे अपने-अपने मुल्कों के लिए यहां से चले जाते हैं।
: प्रकाश चंद्र तिवारी ….. वन दरोगा
वही वन विभाग की टीम ने 12 साइबेरियन पक्षियों के शव को कब्जे में लेकर तीन अज्ञात युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। वन विभाग द्वारा मृत साइबेरियन पक्षियों के शवों को गदरपुर के राजकीय पशु चिकित्सालय में लाया गया। जहा पशु चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ रवि शंकर झा ने मृत्यु साइबेरियन पक्षियों के शवों का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया पक्षियों की मौत जहरीले पदार्थ खाने से हुई है। साथ ही उन्होंने बताया कि शवों के बिसरे को जांच के लिए भेजा गया है।