देहरादून। आयुष्मान योजना में दो और अस्पतालों पर गोलमाल करने का आरोप लगा है। मरीजों को फर्जी तरीके से रेफर दिखाकर लाखों रुपये डकारने के आरोप में काशीपुर के दो अस्पतालों की सूचीबद्धता निलंबित कर दी गई है। इसके साथ ही नोटिस भेजकर 15 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है।
बता दें, अब तक पकड़ में आए करोड़ों रुपये गोलमाल में सबसे ज्यादा अस्पताल ऊधमसिंहनगर जनपद के ही हैं। योजना के शुरू होने के बाद से अब तक इस जनपद के छह अस्पतालों पर कार्रवाई हो चुकी है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अभी कई अस्पतालों के खिलाफ जांच चल रही है। उत्तराखंड स्वास्थ्य अभिकरण के अध्यक्ष दीलिप कोटिया ने बताया कि काशीपुर के दोनों अस्पतालों पर मरीजों के इलाज करने और क्लेम लेने में फर्जीवाड़े का आरोप है। अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का विचार चल रहा है।
1-जनसेवा हास्पिटल, काशीपुर
(फर्जी मुहर बनाकर मरीजों को किया रेफर, लिया क्लेम)
रेगुलर ऑडिट में जनसेवा अस्पताल काशीपुर का गोलमाल पकड़ में आया है। जांच में पता चला कि इस अस्पताल में डॉ. विशाल हुसैन फुल टाइम डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध हैं। जबकि ऐसा असंभव है कि एक डॉक्टर 24 घंटे किसी अस्पताल में उपलब्ध हो। इसके साथ ही इस अस्पताल में 47 मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केलाखेड़ा से रेफर किए गए हैं। केलाखेड़ा के इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोई डॉक्टर नहीं है। इस तरह यहां यह रेफरल का खेल फार्मासिस्ट अनुराग रावत के साथ मिलकर खेला गया है। अनुराग के खिलाफ पहले आस्था अस्पताल के मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है। अस्पताल ने लगभग ढाई लाख रुपये से ज्यादा क्लेम हासिल किया है। अस्पताल के इस क्लेम को वापस लिए जाने और सूचीबद्धता निलंबित करने के आदेश दिए गए हैं।
2-देवकीनंदन अस्पताल काशीपुर
देवकीनंदन अस्पताल काशीपुर के डॉक्टर ने खुद को इस अस्पताल में फुलटाइम डॉक्टर दर्शाया है। जबकि, वे एलडी भट्ट राजकीय अस्पताल में संविदा के पद पर भी तैनात हैं। इसमें बीते 16 मई तक कुल 143 मरीजों का इलाज किया गया। इनमें से 82 मरीज एलडी भट्ट अस्पताल से रेफर किए गए थे। जांच टीम ने माना है कि ये मरीज जानबूझकर अपने अस्पताल को लाभ पहुंचाने के लिए रेफर किए गए। इस तरह इनका इलाज करने पर अस्पताल ने कुल 11 लाख छह हजार रुपये क्लेम के रूप में हासिल किया। इस अस्पताल के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।