चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के तार यूपी तक ; यूपी के दो कॉलेजों के नाम का खुलासा ; हापुड़ के निजी विवि ने हड़पी लाखों की रकम

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बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में घोटाले बाजों के भी हाथ लंबे होने का पता चला है। घोटाले बाजों ने प्रदेश में तो बंदर बाँट की ही प्रदेश से बाहर यूपी के कालेजों को भी इस में शामिल कर लाखों का गोलमाल किया। पता चला है कि इस घोटाले में हापुड़ की मोनार्ड यूनिवर्सिटी ने लाखों रुपया हजम किया। घोटाले में हापुड़ के एक शिक्षण संस्थान मोनार्ड यूनिवर्सिटी द्वारा 28 छात्रों की छात्रवृत्ति हड़पने की पुष्टि हो गई है। इस विवि के उप निबंधक एवं इंडियन ओवरसीज बैंक के अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।

रुद्रपुर : कहा जाता है कानून के हाथ लंबे होते हैं, लेकिन यहाँ तो बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में घोटाले बाजों के भी हाथ लंबे होने का पता चला है। घोटाले बाजों ने प्रदेश में तो बंदर बाँट की ही प्रदेश से बाहर यूपी के कालेजों को भी इस में शामिल कर लाखों का गोलमाल किया। पता चला है कि इस घोटाले में हापुड़ की मोनार्ड यूनिवर्सिटी ने लाखों रुपया हजम किया। घोटाले में हापुड़ के एक शिक्षण संस्थान मोनार्ड यूनिवर्सिटी द्वारा 28 छात्रों की छात्रवृत्ति हड़पने की पुष्टि हो गई है। इस विवि के उप निबंधक एवं इंडियन ओवरसीज बैंक के अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।

एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने बताया कि इस मामले में एक दर्जन उपनिरीक्षकों की टीम ने 150 सरकारी एवं (इंटर कालेज/उच्च शिक्षण संस्थानों) के 18 सौ छात्रों का सत्यापन किया। राज्य के बाहर के 62 शिक्षण संस्थानों की जांच की गई। इस जांच में अभी तक मोनार्ड यनिवर्सिटी में भारी गड़बड़ी पायी गई है। जांच में मेरठ स्थित ऋषि इंस्टीट्य़ूट आफ इंजीनियरिंग एवं टेक्नॉलॉजी व हरियाणा के रेवाड़ी स्थित बाइटलैंड कालेज की भी  संलिप्तता सामने आई है।  

राज्य के बाहर के 62 शिक्षण संस्थानों की जांच की गई। इस जांच में अभी तक मोनार्ड यनिवर्सिटी में भारी गड़बड़ी पायी गई है। यह जानकारी एसएसपी ने एक पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य के दून एवं हरिद्वार जनपदों को छोड़कर 11 जनपदों में समाज कल्याण विभाग में दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की प्रदेशस्तरीय जांच की गई। यह जांच एसआईटी प्रमुख संजय गुंज्याल की देखरेख में नैनीताल की एसआईटी ने की। इस टीम ने वर्ष 2011-12 से अध्ययन अवधि तक वितरित दशमोत्तर छात्रवृत्ति का विवरण समाज कल्याण विभाग से प्राप्त किया गया।

अपर पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव की देखरेख में 12 उपनिरीक्षकों की टीम गठित की गई। उन्होंने बताया कि 1800 छात्रों के सत्यापन के बाद राज्य के बाहर के 62 शिक्षण संस्थानों की गहन जांच की गई। इस जांच में यूपी के मोनार्ड यूनिवर्सिटी को जिला समाज कल्याण विभाग ने 28 छात्रों को कुल 20 लाख 63 हजार 900 के चेक जारी करने की जानकारी मिली। एसआईटी ने इन छात्रों की सूची का भौतिक रूप से सत्यापन किया। इसमें से राज्य के किसी एक भी छात्र द्वारा शिक्षा ग्रहण करने व छात्रवृत्ति लेने का प्रमाण नहीं मिला। उन्होंने बताया कि जांच टीम ने यह भी पाया कि दो छात्रों को मोनार्ड यूनिवर्सिटी के कुछ कर्मचारियों ने वर्ष 2014 में उनके पास आकर उन्हें डिग्री व छात्रवृत्ति दिलाने के झूठे आश्वासन देकर उनके अभिलेख प्राप्त करने की जानकारी मिली है।

इस मामले में उप निबंधक मोनार्ड यूनिवर्सिटी व कुछ बिचौलियों के माध्यम से जनपद नैनीताल के रामनगर, कालाढूंगी, लामाचौड़ व दमुवाढूंगा इलाके के छात्रों का डाटा चोरी किया गया। बाद में जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय के अभिलेखों में इन छात्रों को अपने यहां अध्ययन करने और छात्रवृत्ति का आवेदन किया।उन्होंने बताया कि इसमें से 28 छात्रों की छात्रवृत्ति प्राप्त कर ली। जबकि सूचीवद्ध छात्रों ने कभी भी इस विवि में अध्ययन किया जाना नहीं पाया गया है। यह रकम हापुड़ स्थित ओवरसीज बैंक शाखा में खाता खोलकर निकाली गई। जबकि इन छात्रों ने कभी भी इस बैंक में कोई खाता नहीं खोला। उन्होंने बताया कि इस मामले में मोनार्ड यूनिवर्सिटी के साथ ही इंडियन ओवरसीज बैंक के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र के प्रमाण मिले हैं। इनके खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करने व प्रयोग कर सरकारी धन को अवैध रूप से प्राप्त करने की पुष्टि हुई है। इस मामले में उचित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में तत्कालीन जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

 

 

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