अल्मोड़ा के मारचूला में वनकर्मी की गोली से हुई थी बाघ की मौत, केस दर्ज, जांच कमेटी गठित

0
97

अल्मोड़ा : कार्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग के मरचूला क्षेत्र में मृत मिले बाघ की मौत वनकर्मी के फायरिंग करने से हुई थी। मामले में वनकर्मी पर वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे अटैच कर दिया गया है। साथ ही विभाग ने मामले में कमेटी बनाकर जांच बैठा दी है।

बता दें मंगलवार की रात एक बाघ मरचूला बाजार में घुस आया था। इसकी सूचना स्थानीय लोगों ने वन विभाग को दी जिसके बाद मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने बाघ को वहां से भगाने के लिए फायर झोंका था। गोली लगने से सुबह बाघ ने दम तोड़ दिया।

मंगलवार की रात करीब सवा नौ बजे एक मादा बाघ मरचूला बाजार में घुस आई थी। इसकी सूचना क्षेत्राधिकारी, मंदाल रेंज को दी गई। रेंजर तत्काल टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान पहले हो हल्ला कर बाघ को भगाने का प्रयास किया गया। जब बाघ वहां से भागा नहीं तो वन दरोगा मोहन चन्द्र भटट ने 315 बोर की सरकारी राइफल से 9 राउण्ड हवाई फायर किया गया। लेकिन बाघ वहां से जंगल की ओर जाने की बजाय लोगों के घरों और दुकानों में घुसने की कोशिश करने लगा।

लोगों की जान माल की सुरक्षा को देखते हुए वन आरक्षी धीरज सिंह ने अपनी 12 बोर की बन्दूक से दो राउण्ड झोंका। फायर के छरे बाघ के दाहिने जांघ पर जा लगे। इसकी सूचना मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक उत्तराखण्ड को उसी समय दे दी गई। मामले में उन्होंने इस प्रकरण की दो दिनों के भीतर प्राथमिक जांच कर निर्देशित करने का आदेश जारी किया है। बाघ के शव का बेला रेस्क्यू सेण्टर पर मंगलवार को ही पोस्टमार्टम कराया गया।

फायर करने के आरोपित पर मुकदमा दर्ज, अटैच किया गया
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के महत बाघ की मृत्यु मामले में धीरज सिंह पर केस दर्ज कर उसे कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग में सन्धीखाल से सम्बद्ध कर दिया गया है। प्रभागीय वनाधिकारी, कालागढ़ टाइगर रिजर्व प्रभाग ने जांच हरीश नेगी उप प्रभागीय वनाधिकारी सोनानदी को जांच अधिकारी नामित किया गया है।

सीटीआर निदेशक ने क्या कहा
सीटीआर निदेशक धीरज पांडे का कहना है कि लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर वन आरक्षी धीरज सिंह ने बंदूक से दो राउंड फायर जमीन की ओर किए। जिसमें एक फायर के छर्रे बाघिन के दाहिने जांघ पर लग गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छर्रे लगने से रक्तस्राव के अलावा बाघिन के शरीर मे सेही का एक कांटा भी मिला।

इन्होंने किया बाघ का पोस्टमार्टम
बाघ के शव का पोस्टमार्टम एजी असारी, एनटीसीए के नामित प्रतिनिधि कुन्दन सिंह खाती रिटायर्ड उप प्रभागीय वनाधिकारी, एनजीओ के नामित प्रतिनिधि ललित अधिकारी एवं मनोज सती की मौजूदगी में किया गया। पोस्टमार्टम कार्बेट टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डॉ दुष्यत शर्मा एवं डॉ हिमांशु पांगती वरिष्ठ पशु चिकिताल त्साधिकारी, नैनीताल जू ने किया।

पोस्टमार्टम में ये बात आई सामने
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मादा बाघ की मृत्यु दाहिने पैर की जांघ में छरे लगने के कारण अत्यधिक रक्तचाप से हुई। बाघ के लीवर में एक सेही का काटा लगभग 10 सेमी पाया गया, जिससे कि लीवर को भी काफी क्षति हो गई थी। मादा बाघ का पेट व आंत पूरी तरह खाली था तथा फेफड़ों में संक्रमण मिला है। बाघ में 12 बोर के छर्रे केवल दाहिने पैर की जांघ में पाए गए।

LEAVE A REPLY