फूलों की खेती से दस लाख से अधिक आय अर्जित कर रहे हैं अल्‍मोड़ा जिले के दीपक

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अल्मोड़ा : अगर मन में कुछ करने का जच्बा हो तो कोई भी चीज असंभव नहीं। बिना सरकारी इमदाद के प्रवासी दीपक गुणवंत यही कर रहे हैं। उन्होंने परिवार की मदद से अल्‍मोड़ा जिले के लमगड़ा ब्लाक में पौधार गांव को फूलों की खुशबू से महका दिया है, वहीं अब दिल्ली से नौकरी छोड़ कर इन फूलों को बाजार दिलाने में लगे हैं। आज वह 10 लाख से अधिक प्रतिवर्ष की आय कर रहे हैं।

लमगड़ा ब्लाक के पौधार गांव के दीपक गुणवंत का परिवार पिछले 15 सालों से फूलों की खेती कर रहे हैं। उन्होंने अपनी 30 नाली जमीन पर गेंदा, ग्लाइडोलिया, गुलदावरी, जरबेरा, कारनेसन, लीलियम, केसर आदि की खेती शुरू की। खेती के साथ वह दिल्ली में रहकर काम भी करते थे। कोरोना काल के बाद वह बीते वर्ष दिल्ली छोड़कर आ गए। उनका अब पूरा ध्यान फूलों की खेती पर लगने लगा। उन्होंने बाजार का अध्ययन किया। तब उन्होंने मन बनाया कि जो यह फूलों की खेती कर रहे हैं, उनको बाजार दिया जाए। बाजार में फूलों की काफी मांग है।

दीपक ने माल रोड में नगरपालिका से फड़ लिया और गांव में उगाए फूलों को बाजार दिलाने लगे। उन्होंने इस छोटी से दुकान का नाम प्रवासी पहाड़ी फ्लावर डेकोरेशन रखा। धीरे-धीरे उनकी डिमांड बढऩे लगी। आज वह फूलों से ही 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष आय अॢजत कर रहे हैं। उनके साथ गांव में चार लोग और बाजार में फूल बेचने के लिए चार लोग लगे हुए हैं। वह फूलों की माला, गुलदस्ते और डिमांड के अनुसार कार्य कर रहे हैं। इसके लिए अब तक कोई सरकारी मदद नहीं ली। वह फूलों के बीज उद्यान विभाग व पंतनगर से खरीदते हैं।

दीपक के फूलों की खेती

गेंदा- 10 नाली, ग्लाइडोलिया, गुलदावरी, जरबेरा- चार नाली, कारनेसन- एक नाली, लीलीयम-2 नाली, केसर-5 नाली। दीपक गुणवंत ने कहा कि फूलों में मेहनत भी है तो अच्छी आमदनी भी है। नौकरी छोड़ अब पूरी तरह से इस व्यवसाय से जुड़ गया हूं। सरकार मदद करे तो यह व्यवसाय बढ़ सकता हैं।

 

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