- नवम् राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन का समापन
- कुमाऊंनी भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल करने के होंगे प्रयास
अल्मोड़ा (संवाददाता) : कुमाऊंनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति के तत्वाधान में यहां चल रहे नवम् राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन 2017 का समापन हो गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि अब लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में कुमाऊंनी व गढ़वाली भाषा-संस्कृति से संबंधित प्रश्न भी पूछे जायेंगे। कुमाउनी भाषा को पाठ्यक्रम में सम्मलित करने के लिए विशेष प्रयास किये जाने का भी उन्होंने भरोसा दिलाया। कुंजवाल ने कहा कि समिति एवं ‘‘पहरू’ कुमाऊंनी मासिक पत्रिका द्वारा किये जा रहे प्रयास अत्यंत सराहनीय हैं। कुमाउनी को विशेष दर्जा दिलाने के लिए किये जा रहे प्रयासों के दूरगामी परिणाम होंगे।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में उनके स्तर पर जो भी होगा वह अवश्य करेंगे। इससे पूर्व द्वितीय दिवस के सांयकालीन सत्र में कवि गोष्ठी का भी आयोजन हुआ। जिसकी अध्यक्षता जाने-माने साहित्यकार घनानंद पांडेय ‘‘मेघ’ ने की। इस दौरान संस्कृति मंत्री प्रकाश पंत मुख्य अतिथि थे। कवि गोष्ठी में दामोदर जोशी ‘‘देवांशु’, शिवचरण पांड, त्रिभुवन गिरी, मोहन जोशी, तारादत्त तिवाड़ी, महेंद्र ठकुराठी, देवकीनंदन कांडपाल, डा. दीपा गोबाड़ी, रमेश पर्वतीय, विनोद पंत, जुगल किशोर पेटशाली, डा. हेमचंद्र दुबे सहित कुल 60 कवियों ने काव्य पाठ किया। संचालन नीरज पंत व डॉ. हयात सिंह रावत ने किया।
साहित्यकार मोहन चंद्र कबड्वाल को शंकर लाल साह कुमाऊंनी निबंध लेखन पुरस्कार योजना में तथा जगदीश जोशी को कालू सिंह अनुवाद लेखन योजना में पुरस्कृत किया गया। साथ ही डा. प्रीति आर्य, कृपाल सिंह शीला, डा. हेम चंद्र दुबे सहित कई रचनाकार भी पुरस्कृत हुए। डा. रमेश चंद्र पांडेय ‘‘राजन’, घनानंद पांडेय ‘‘मेघ’ को बहादुर सिंह बनौला स्मृति कुमाऊंनी साहित्यसेवी सम्मान शिवचरण पांडे, पत्रकार शिरीष पांडे को पुष्पलता जोशी स्मृति कुमाऊंनी भाषा सेवी सम्मान तथा कलाकार नारायण सिंह थापा, नंदलाल आर्य व प्रहलाद मेहरा को वैद्य कल्याण सिंह बिष्ट स्मृति कुमाऊंनी संस्कृति सेवी सम्मान से नवाजा गया। कार्यक्रम में जमन सिंह बिष्ट, रमेश बहुगुणा, केबी पांडे, रूप सिंह बिष्ट, रेखा आर्या, नवीन जोशी, पान सिंह बिष्ट, अनूप तिवारी, अजय तिवारी, प्रवीण सिंह कम्र्याल, सुदर्शन साह आदि मौजूद थे