होम स्टे से सुधरेगी बेरोजगारों की आर्थिकी, 33 फीसद तक मिलेगी सहायता

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बागेश्वर। पंडित दीनदयाल गृह आवास योजना उत्तराखंड की यात्रा में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को अभूतपूर्व अनुभव प्रदान करने के साथ ही स्थानीय लोगों की खुशहाली के शुरूआत सरकार ने की है। पर्यटकों के विश्राम स्थल के रूप में होम स्टे का उपयोग कर स्थानीय बेरोजगार अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर करने लगे हैं।

लाकडाउन के बाद जिले में पर्यटकों की आवाजाही काफी कम रही है। लेकिन आने वाले दिनों में योजना का लाभ स्थानीय बेरोजगारों को मिलने की पूरी उम्मीद है। योजना के तहत घर का नवीनीकरण भी किया जा सकता है। प्रथम तीन वर्षों तक एसजीएसटी की भरपाई भी नहीं करनी है। इसके अलावा पर्यटन विभाग संचालकों को आतिथ्य सत्कार का प्रशिक्षण भी देगा। दो लाख रुपये की सीमा तक नए शौचालयों का निर्माण किया जा सकता है और भू-परिर्वतन की भी इसमें आवश्यकता नहीं है। पर्वतीय क्षेत्रों के बेरोजगारों को ३३ प्रतिशत तक इस योजना में राज सहायता भी प्रदान की जा रही है।

क्या हैं फायदे

होम स्टे स्थापित घर का नवीनीकरण करने के लिए पात्र आवेदकों को बैंक से ऋण लिए जाने की दशा में राजकीय सहायता भी प्रदान की जा रही है। होम स्टे से प्राप्त आय पर प्रथम तीन वर्षों तक सीजीएसटी की धनराशि की भरपाई विभाग द्वारा की जा रही है। योजना के प्रचार-प्रसार के लिए पृथक से वेबसाइट तथा मोबाइल ऐप विकसित किया गया है। होम स्टे संचालकों को आतिथ्य सत्कार का प्रशिक्षण दिया गया है। पुराने भवनों में उच्चीकरण, साज-सज्जा, अनुरक्षण के लिए दो लाख रुपये और नए शौचालयों के निर्माण पर भू-परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है।

जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चंद्र आर्या ने बताया कि होम स्टे योजना के तहत पर्वतीय जिलों के लिए लागत का ३३ प्रतिशत या अधिकतम दस लाख रुपये तक राज्‍य सरकार मदद कर रही है। इसके अलावा पांच सालों के लिए अधिकतम डेढ़ लाख रुपये ब्याज राज सहायता का भी लाभ मिलेगा।

 

 

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