उत्तराखंड में जून के महीने में चमोली जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। भारत-चीन सीमा से लगे माणा पास क्षेत्र में पिछले दिनों जमकर बर्फबारी हुई है। यहां की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें पूरा क्षेत्र ताजी बर्फ से ढका हुआ नजर आ रहा है।
जून महीने में बर्फबारी होने की बात अचंभित करती है, लेकिन यह सच है कि चमोली जिले के करीब छह हजार फीट की ऊंचाई पर एक दो दिन पहले जमकर बर्फबारी हुई है। इन दिनों इस क्षेत्र में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूर काम कर रहे हैं और यहां सड़क बनाने का काम चल रहा है।नवंबर माह के बाद यहां भारी बर्फबारी होती है, जिससे इस क्षेत्र में सेना और आईटीबीपी के अलावा कोई नहीं रहता। आम तौर पर जून माह में इस क्षेत्र में खूब बारिश होती है, लेकिन इस बार की बर्फबारी ने सबको हैरान कर दिया है। तस्वीरों में दिख रहा है कि इस क्षेत्र में करीब एक फीट से अधिक बर्फबारी हुई है।बर्फबारी से चीन सीमा क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, इसके बावजूद मजदूर यहां सड़क निर्माण में जुटे हैं।बता दें कि जिले की नीती और माणा घाटी चीन सीमा से जुड़ती हैं और इन दोनों घाटियों में पिछले कुछ सालों से सड़क का विस्तारीकरण कार्य जोरों पर चल रहा है।लगातार बारिश होने से बदरीनाथ धाम में भी शानदार नजारा देखने को मिल रहा है। इन दिनों धाम के पास शेष नेत्र झील के आसपास काफी तादाद में फूल खिले हुए हैं, जिससे झील आकर्षण का केंद्र बनी है। इस वर्ष धाम में शीतकाल में अच्छी बर्फबारी भी हुई, जिससे झील का जलस्तर भी बढ़ा है। बीते कई सालों से बर्फबारी न होने के कारण झील का पानी सूखने के कगार पर पहुंच गया था और यहां शैवाल जम गया था, लेकिन बीते दो सालों से धाम में अच्छी बर्फबारी हो रही है। इसका नतीजा यह रहा कि शेषनेत्र झील पूरी तरह से पानी से भर गई है।