चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले से लगी चीन सीमा पर भारत की ओर से मलारी से 60 किमी आगे सेना की अंतिम चेकपोस्ट अपर रिमखिम तक सड़क पहुंचा दी गई है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने चट्टानों को काटकर सड़क निर्माण किया गया। अब सेना और आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के जवानों की सरहद तक पहुंच आसान हो गई है।
इन दिनों भारत-चीन सीमा पर लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है, जिसको देखते हुए भारत की तरफ से सीमा क्षेत्र को सड़क से जोड़ने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। बीआरओ के मजदूरों और अधिकारियों ने रात-दिन काम कर सड़क को अंतिम चेकपोस्ट अपर रिमखिम तक पहुंचा दिया है।
रिमखिम बॉर्डर को सुरक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है। वहीं, नीती घाटी में ग्यालडुंग चेकपोस्ट से नीती पास (20 किमी) तक सड़क पर डामरीकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। माणा घाटी से लगे चीन सीमा क्षेत्र में करीब 32 किमी पर स्थित जगराव स्थान तक सड़क निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
सैन्य सामग्री पहुंचने में होगी आसानी
यहां से सीमा क्षेत्र से माणा पास करीब पांच किमी रह जाएगा। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि मलारी से आगे भारतीय सेना की अंतिम चेकपोस्ट अपर रिमखिम तक सड़क पहुंच गई है। नीती पास और माणा पास तक सड़क निर्माण का कार्य जारी है।
वहीं, बॉर्डर क्षेत्र तक सड़कें पहुंचने से सेना के साथ ही सीमांत क्षेत्र में रहने वाले लोगों में भी उत्साह है। जोशीमठ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रकाश रावत, माणा गांव के प्रधान पीतांबर मोल्फा, मन्नू रावत और ठाकुर सिंह राणा का कहना है कि सीमा क्षेत्र में अभी तक सड़कों का अभाव था, जिससे जवानों को जरूरी सामग्री लेकर पैदल ही अग्रिम चौकी तक पहुंचना पड़ता था। अब सेना के वाहनों के साथ ही जरूरी सैन्य सामग्री को सीमा तक सुगमता से पहुंचाया जा सकता है।