गोपेश्वर। ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य से बदरीनाथ हाईवे पर आवाजाही सुगम होने लगी है। अधिकांश जगहों पर हिल कटिंग और डामरीकरण कार्य पूरा होने से करीब 52 अंधे मोड़ों से भी मुक्ति मिल गई है। गौचर से कालेश्वर, लंगासू, बैडाणू, देवलीबगड़ से सोनला, पर्थाडीप से बाजपुर, भीमतला से बिरही, कौड़िया से मायापुर तक डामरीकरण का कार्य पूरा होने से अब हाईवे की सूरत बदली-बदली नजर आ रही है।
गौचर से कंचनगंगा (133 किमी) तक कई जगहों पर हिल कटिंग कार्य पूरा कर लिया गया है। आगामी वर्ष चारधाम यात्रा के लिए हाईवे पूरी तरह से तैयार होने की उम्मीद है। बीते कई सालों से भूस्खलन और भारी बारिश से बदरीनाथ हाईवे की स्थिति बदहाल बनी थी। कई स्थानों पर चट्टानों से भूस्खलन होने के कारण खतरे के बीच वाहनों की आवाजाही हो रही थी।
कौड़िया, छिनका और मैठाणा में बरसात में हाईवे बार-बार बंद हो जाता था। अब इन स्थानों पर हिल कटिंग होने से हाईवे का चैड़ीकरण कार्य कर लिया गया है, जबकि बिरही में चट्टान कटिंग का कार्य अभी भी जारी है।
पाताल गंगा भूस्खलन क्षेत्र में करीब दो सौ मीटर तक टनल का निर्माण कार्य भी लगभग पूरा हो गया है। पागल नाला और लामबगड़ में ट्रीटमेंट कार्य चल रहा है। जोशीमठ के समीप हाथी पर्वत, टैय्या पुल और गोविंदघाट में चट्टानी भाग को काटकर हाईवे का चैड़ीकरण कार्य किया जा रहा है।
गौचर से हेलंग तक कार्य अंतिम चरण में
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि अगले साल तक हाईवे पूरी तरह से सुगम हो जाएगा। मारवाड़ी से कंचनगंगा तक हाईवे का चैड़ीकरण कार्य चल रहा है, जबकि गौचर से हेलंग तक लगभग कार्य अंतिम चरण में है।