चमोली। चमोली के ऋषिगंगा-धौलीगंगा में आई आपदा के अध्ययन के लिए केंद्र सरकार की ओर से दो टीमें बनाई गई हैं। यह दोनों दल ऋषि गंगा के अपस्ट्रीम और डाउन स्ट्रीम में आपदा के प्रभाव का अध्ययन भी करेंगे।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन और राजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रत्येक टीम में नौ सदस्य हैं।
बताया गया कि ये दल 25 मार्च को देहरादून से रैणी गांव के लिए रवाना होंगे। वहां पर एक सप्ताह तक रुकने के बाद आपदाग्रस्त क्षेत्र का अध्ययन कर रिपोर्ट राज्य और केंद्र सरकार को दी जाएगी।
ऋषि गंगा में एक महिला का शव मिला
वहीं रैणी गांव के समीप ऋषि गंगा में बुधवार को एक महिला का शव मिला। शव क्षत-विक्षत है। ऋषि गंगा की जलप्रलय में अभी तक अलग-अलग स्थानों से 77 शव और 35 मानव अंग बरामद हो चुके हैं, जबकि अभी भी 128 लोग लापता हैं। ऋषि गंगा की आपदा में कुल 205 लोग लापता हुए थे।
ऋषिगंगा पावर हाउस साइट में नहीं चलाया खोज अभियान
ऋषिगंगा की आपदा के बाद से रैणी और तपोवन क्षेत्र में चलाए जा रहे खोज अभियान पर स्थानीय लोगों ने सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ऋषिगंगा पावर हाउस साइट में खोज अभियान नहीं चलाया गया, जिस कारण कई शव अभी भी मलबे में ही दबे हुए हैं।
रैणी गांव निवासी पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य संग्राम सिंह और पूरण सिंह राणा का कहना है कि स्थानीय लोग शुरू से प्रशासन से इस क्षेत्र में लापता की तलाश की मांग कर रहे हैं। खोज अभियान में हो रही लापरवाही के कारण अब कुत्तों को जहां शव दिखे वह शवों को नोचने लग गए हैं।
वहीं, एसडीएम जोशीमठ कुमकुम जोशी का कहना है कि जहां-जहां लोगों ने कहा, वहां खोज अभियान चलाया गया। पावर हाउस साइट में दलदल था, बचाव कर्मियों की सुरक्षा को भी देखना था, इसलिए वहां अभियान नहीं चलाया।