चमोली-गोपेश्वर-ऊखीमठ हाईवे भूस्खलन से बंद, 15 सितंबर तक वाहनों की आवाजाही पर रोक

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गोपेश्वर। चमोली-गोपेश्वर-ऊखीमठ  हाईवे  कई जगहों पर मलबा और भूस्खलन होने से क्षतिग्रस्त हो गया है। ऐसे में लोनिवि (एनएच) ने हाईवे के सुधारीकरण कार्य के चलते 15 सितंबर तक हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।

चमोली जिले में रुक-रुककर हो रही भारी बारिश के कारण चमोली-गोपेश्वर-ऊखीमठ सड़क कई जगहों पर खस्ताहालत में पहुंच गई है।  मंडल गांव से आगे कई स्थानों पर हाईवे बह गया है। लोनिवि एनएच के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि गोपेश्वर-ऊखीमठ हाईवे 12 से अधिक स्थानों पर क्षतिग्रस्त है।

विक्रम डांग के समीप हाईवे का एक हिस्सा बह गया है। यहां पानी से हाईवे करीब बीस मीटर तक तहस-नहस पड़ा है। यहां करीब एक करोड़ सात लाख की लागत से सड़क सुधारीकरण कार्य किया जाना है। 15 सितंबर के बाद ही हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए खोला जाएगा।

उषाड़ा गांव में कई जगह भूधंसाव
तुंगनाथ घाटी के ग्राम पंचायत उषाड़ा के ताला तोक व अन्य स्थानों पर भूधंसाव के कारण प्रभावित 79 परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया है। डीएम वंदना सिंह के आदेश पर नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में गठित समिति ने उषाड़ा व दैड़ा गांव का स्थलीय निरीक्षण कर वहां भूधंसाव व अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लिया है।

बीते 10 व 11 अगस्त को हुई मूसलाधार बारिश से उषाड़ा व दैड़ा में व्यापक नुकसान हुआ था। इन गांवों में भूधंसाव से आवासीय भवनों, गोशाला व व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर दरारें पड़ गई थी, जिसके बाद लोगों ने अन्यत्र जगहों पर शरण ले ली थी। बीते 15 अगस्त को नायब तहसीलदार दीवान सिंह राणा ने राजस्व उप निरीक्षकों के साथ प्रभावित गांवों का स्थलीय निरीक्षण कर क्षति का आकलन किया। इसके बाद, उषाड़ा गांव के 79 परिवारों को स्यामली व पाटा तोक में स्थित जगलात की चौकी में शिफ्ट किया गया।

उन्होंने ग्रामीणों को दरारों से पटे मकानों में न रहने का सुझाव भी दिया। दूसरी तरफ भूधंसाव से क्षतिग्रस्त हुई पेयजल लाइन की वैकल्पिक व्यवस्था कर सप्लाई बहाल कर दी गई है। जबकि ऊर्जा निगम द्वारा भी बिजली सप्लाई के प्रयास किए जा रहे हैं।

डीएम के आदेश पर पूर्ति विभाग ने प्रभावित परिवारों को सितंबर माह तक का राशन मुहैया करा दिया है। नायब तहसीलदार राणा ने कृषि विभाग का हवाला देते हुए बताया कि भूधंसाव से उषाड़ा गांव में 18 हेक्टेयर सिंचित व आठ हेक्टेयर असिंचित बंजर और दैड़ा गांव में 10 हेक्टेयर सिंचित व दो हेक्टेयर असिंचित बंजर भूमि भूधंसाव व अतिवृष्टि से प्रभावित हुई है। भूमि स्वामियों को जल्द मुआवजा वितरित किया जाएगा। बताया कि प्रभावितों को चार टेंट और 86 राहत किट प्रदान की गई हैं।

 

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