जोशीमठ। युवा कारोबारी सूरज कपरवाण ने जोशीमठ में फैले होटल व्यवसाय को देखते हुए लॉन्ड्री का स्टार्टअप शुरू किया। नवंबर में पूजा ही कराई थी, अब काम शुरू करते उससे पहले ही पूरा सेटअप उजड़ने की कगार पर पहुंच गया है। मनोहरबाग के सूरज कपरवाण ने बताया कि जोशीमठ में काफी होटल हैं। उनका भी एक होटल है। होटलों में धुलाई के लिए चादरें, तकिया कवर समेत बड़ी मात्रा में कपड़े होते हैं। बरसात और सर्दियों में कपड़े सूखाने की समस्या रहती है। इसी को देखते हुए बड़े शहरों की तर्ज पर आधुनिक सिस्टम लगाने के लिए स्टार्टअप शुरू किया।
बैंगलौर से लॉन्ड्री के बड़े सेटअप में लगने वार्ली आएफबी की मशीनें मंगाई, साढ़े तीन लाख रूपये का कपड़े सुखाने का ड्रायर है। बाकी कीमत की कंप्रेशर और कपड़े प्रेस करने की आफटोमैटिक मशीनें। साढ़े तीन लाख रूपये का लॉन्ड्री के लिए ढंाचा ही तैयार किया। वेल्डिंग, फर्नीचर , बिजली फीटिंग, पानी की सप्लाई, टैंक आदि का खर्च मिलाकर अब तक करीब 35 लाख रूपये लगा चुके थे।
मशीनों से नहीं ले पा रहे काम
सूरज कपरवाण ने बताया कि मशीनों का ट्रायल ही चल रहा था। एक लड़के को काम सीखा रहे थे। इसी बीच भवन के नीचे बुनियाद में गहरी दरारें आ गई। आनन-फानन में करीब 70 हजार रूपये और खर्च कर पीछे अस्थाई टीनशेड बनाया। उसमें उठाकर मशीनों को रखवाया है। मशीनों से कोई काम नहीं ले पा रहे हैं।
साढ़े तीन लाख में ट्रांसफार्मर लगा
सूरज ने बताया कि कुछ तो अपनी जमा पूंजी इसमें लगाई है, कुछ लोन लिया है। सरकार को भी टैक्स दिया। बिजली का ट्रांसफार्मर लगाने के लिए ही साढ़े तीन लाख रूपये सरकार को दिए। आगे चला पाउंगा या नहीं, कैसे क्या होगा काफी मुश्किल स्थिति में हैं। अब उनके इस नुकसान की रिकवरी कैसे हो पाएगी। ?
लोगों को रोजगार देने की सोच थी
सूरज जोशीमठ के ही रहने वाले हैं। कॉलेज करने बाहर चले गए। दिल्ली-देहरादून में नौकरी के बजाय पहाड़ में अपना काम करने के लिए लौटे। होटल शुरू किया। फिर सोचा नया काम करेंगे। लोगों के लिए रोजगार देंगे। उनके घर, गौशाला , खेत में दरार है। इसलिए पत्नी और बच्चे को श्रीनगर ससुराल शिफट कर दिया है।