चमोली। बदरीनाथ और यमुनोत्री हाईवे आए दिन मलबा आने से बंद हो रहा है। जिससे चारधाम यात्रा के लिए आए लोगों व स्थानीय ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शुक्रवार को भी बदरीनाथ और यमुनोत्री हाईवे कई जगह बंद हो गया है। बदरीनाथ हाईवे मलबा और बोल्डर आने से लामबगड़, भनेरपाणी, नंद्रप्रयाग-हिलेरी पार्क और कुहेड़ में बंद है।
चमोली जिले में रातभर हो रही बारिश शुक्रवार की सुबह भी जारी रही। जिले में मलबा आने से करीब 12 संपर्क मार्ग बंद हैं। बारिश के कारण अभी सड़कों को खोलने का काम शुरू नहीं हो पाया है।
यमुनोत्री हाईवे भी रातभर हुई बारिश के कारण जगह-जगह मलबा आने से बंद है। कई जगह हाईवे दल-दल में बदल गया है। हाईवे पर आवाजाही गुरुवार रात से ही बंद है। वहीं यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से रवाडा नगाणगांव मार्ग पर आवाजाही ठप है। यमुनाघाटी में बारिश थमी है।
भूस्खलन से बदरीनाथ हाईवे जगह-जगह हुआ खतरनाक
भूस्खलन और भारी बारिश से बदरीनाथ हाईवे जगह-जगह खतरनाक बना हुआ है, जिससे धाम जाने वाले यात्रियों को रुक-रुककर जाना पड़ रहा है। इससे श्रद्धालुओं का यात्रा शेड्यूल ही बिगड़ रहा है।
कुहेड़, भनेरपाणी, पागल नाला और लामबगड़ में हाईवे पर आवाजाही बेहद खतरनाक बनी हुई है। कुहेड़ और भनेरपाणी में ऑलवेदर रोड की हिल कटिंग से भूस्खलन हो रहा है। पीपलकोटी से करीब छह किमी की दूरी पर स्थित पागल नाले में बारिश होने पर मलबा और बोल्डर हाईवे पर आ रहे हैं, जिससे दलदल बन गया है।
ऋषिकेश के शूरवीर सिंह ने बताया कि 27 जुलाई को बदरीनाथ धाम के लिए ऋषिकेश से निकला था। धाम पहुंचने में चार दिन लग गए। पीपलकोटी बंड विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष अतुल शाह का कहना है कि बरसात में ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य रोक देना चाहिए।
इधर, एनएच के ईई जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि भारी बारिश के कारण हाईवे पर जगह-जगह मलबा आ रहा है। हाईवे को शीघ्र खोलने के लिए पर्याप्त मशीनें व मैन पावर तैनात किया गया है।