बदरीनाथ हाईवे का 100 मीटर हिस्सा बहा, चौथे दिन भी नहीं खुला यमुनोत्री हाईवे

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पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा के चलते सड़कों के अवरुद्ध होने का सिलसिला जारी है। रविवार को चमोली जिले के गौचर और रुद्रप्रयाग के बीच कमेड़ा में बदरीनाथ हाईवे का 100 मीटर हिस्सा बहने के साथ सुरक्षा दीवार ढह गई, जिससे यातायात बाधित हो गया।

उधर, उत्तरकाशी जिले में डाबरकोट के पास यमुनोत्री हाईवे चौथे दिन मंगलवार को भी नहीं खोला जा सका। इसके चलते पिछले तीन दिन से एक भी तीर्थयात्री ने यमुनोत्री धाम में दर्शन नहीं किए हैं। रास्ता बाधित होने से हाईवे पर स्याना चट्टी और जानकी चट्टी के बीच फंसे करीब 200 तीर्थ यात्रियों को त्रिखली से ओजरी होते हुए दो किमी लंबे पैदल मार्ग से निकाला गया। जबकि, अपने वाहनों में आए 50 तीर्थयात्री स्याना चट्टी के पास ही हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा गंगोत्री हाईवे भी करीब पांच घंटे अवरुद्ध रहा।

चमोली जिले में भारी वर्षा के चलते आएदिन बदरीनाथ हाईवे बाधित रहने से बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रविवार रात भर हुई वर्षा के बाद सोमवार सुबह रुद्रप्रयाग और गौचर के बीच बदरीनाथ हाईवे का बड़ा हिस्सा बह गया। अधिकारियों के अनुसार हाईवे खुलने में अभी दो से तीन दिन का समय लग सकता है।

हाईवे बाधित होने से सड़क के दोनों ओर फंसे वाहनों को रुद्रप्रयाग से पोखरी होते हुए कर्णप्रयाग भेजा जा रहा है। इसी तरह कमेड़ा और गौचर में फंसे वाहनों को कर्णप्रयाग होते हुए पोखरी-रुद्रप्रयाग मार्ग से भेजा जा रहा है। हालांकि इसके लिए 60 किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। लेकिन, इस मार्ग पर भी चौड़ीकरण होने के चलते जगह-जगह मलबा पड़ा है।

वर्षा में दलदल बन जाने से वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है। गढ़वाल को कुमाऊं मंडल से जोड़ने वाला गैरसैंण-कर्णप्रयाग राज्यमार्ग पिछले पांच दिन से बाधित है। कुमाऊं मंडल में चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग भी अवरुद्ध है।

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