चमोली। औली की खूबसूरत बर्फीली ढलानों पर स्कीइंग के साथ ही पर्यटक चमोली जिले की नदियों में फिश एंगलिंग का शौक भी पूरा कर सकेंगे। जिले में अलकनंदा, नंदाकिनी, रामगंगा, निगोल नदी और पिंडर नदी में जिला पर्यटन विभाग और मत्स्य पालन विभाग ने फिश एंगलिंग की योजना तैयार की है।
इसके लिए नदियों के किनारे पांच-पांच किलोमीटर के दायरे में 32 बीट (एंगलिंग स्थान) चयनित किए गए हैं। वन विभाग से भी फिश एंगलिंग के लिए उपर्युक्त स्थानों के चयन में मदद मांगी गई है। बदरीनाथ धाम के समीप सतोपंथ से अलकनंदा और त्रिशूल पर्वत की तलहटी से नंदाकिनी का उद्गम होता है, जबकि गैरसैंण में रामगंगा, पोखरी में निगोल और देवाल क्षेत्र से पिंडर नदी बहती है।
इन नदियों में ट्राउट मछली बड़ी मात्रा में पाई जाती हैं। जिला पर्यटन विभाग ने नदियों को स्वरोजगार से जोड़ने की योजना बनाई है। योजना के तहत नदियों के किनारे फिश एंगलिंग के लिए बीट निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए इन दिनों सर्वेक्षण कार्य चल रहा है।
एंगलिंग उपकरण भी उपलब्ध करवाए जाएंगे
जिला पर्यटन अधिकारी विजेंद्र पांडे ने बताया कि फिश एंगिलिंग कैच एंड फ्री (पकड़िए और छोड़िए) होगा। एंगलिंग संचालकों को वीर चंद्रसिंह गढ़वाली योजना के तहत एंगलिंग उपकरण भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।
चमोली जिले की पांच नदियों में फिश एंगलिंग की योजना है। जिले में पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए फिश एंगलिंग की व्यवस्था करवाई जाएगी। इसके लिए नदियों के किनारे पांच-पांच किलोमीटर के दायरे में 32 बीट निर्धारित किए गए हैं। एंगलिंग संचालन का कार्य समीप के ग्राम पंचायतों के युवाओं को दिया जाएगा।
– जगदंबा राज, सहायक निदेशक, मछली विभाग, चमोली
औली को उत्तराखंड का स्वर्ग कहा जाता है
चमोली स्थित हिम क्रीड़ा स्थल औली को उत्तराखंड का स्वर्ग कहा जाता है। दुनिया इसे बेहतरीन स्की रिजॉर्ट के रूप में जानती है। यहां केवल बर्फ ही नहीं, साथ में भरपूर हरियाली है।