उत्तराखंड के जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव से लोगों को चौतरफा खतरा उत्पन्न हो गया है। मकान और खेतों में दरारें आने के बाद अब हाईटेंशन लाइन के खंभे भी तिरछे हो गए हैं। इससे आसपास के घरों को खतरा पैदा हो गया है। साथ ही खेतों में लगाए माल्टे व सेब के पेड़ दरार गहरी होने के कारण गिरने शुरू हो गए हैं।
नगर के मनोहर बाग वार्ड में सबसे तेज भू-धंसाव हो रहा है। यहां कई घरों और गोशालाओं में दरारें आ गई हैं। वार्ड निवासी मदन कपरवाण ने बताया कि उनकी गोशाला में दरार पड़ने से उन्होंने गाय को अपने मकान में शिफ्ट कर दिया है। उनके घर के पास हाईटेंशन लाइन है।
भू धंसाव से हाईटेंशन लाइन के खंभे तिरछे हो गए हैं। इससे खंभे के आसपास के घरों को खतरा पैदा हो गया है। वहीं भगवती प्रसाद कपरवाण का कहना है कि उनके खेत में लगातार दरार बढ़ने से खेतों में लगाए माल्टे और सेब के पेड़ भी गिरने शुरू हो गए हैं।
वहीं सुनील वार्ड में भी जमीन पर दरारें आनी शुरू हो गई हैं। यहां प्रकाश रतूड़ी, गोपाल रतूड़ी, विजय, राजेंद्र, कमल, लक्ष्मण, अमित, नितिन सेमवाल, चंडी प्रसाद, सुरेंद्र सेमवाल की जमीनों में दरारें आनी शुरू हो गई है।
ऊर्जा निगम के जेई डीएस पंवार ने बताया कि मनोहर बाग वार्ड से सूचना मिली है कि वहां जमीन धंसने से बिजली के खंभे लटकने लग गए हैं। मंगलवार (आज) क्षेत्र में जाकर निरीक्षण किया जाएगा जिसके बाद खतरे की जद में आए खंभे शिफ्ट करने की कार्रवाई की जाएगी।
नगर क्षेत्र में भू धंसाव से प्रभावित मकानों का सर्वे करने के लिए प्रशासन की ओर से गठित टीम ने अब तक 90 मकानों का सर्वे पूरा कर लिया है। तहसीलदार रवि शाह ने बताया कि सर्वे में तेजी लाने के लिए दो टीमें बना दी गई है जिससे जल्द सर्वे का काम पूरा किया जा सके। वहीं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि जोशीमठ में प्रभावित घरों के सर्वे का काम 20 जनवरी तक पूरा किया जाना है। टीम को सर्वे के कार्य में तेजी लाने के लिए कहा गया है।
नगर पालिका की ओर से भू धंसाव से प्रभावित घरों के हर दिन का डाटा तैयार किया जा रहा है। जहां से भी मकान में दरार आने की सूचना मिल रही है वहां कर्मचारियों को भेजकर उनकी स्थिति को देखने के बाद सूची में दर्ज किया जा रहा है। नगर पालिका से मिले डाटा के अनुसार सोमवार तक भू धंसाव से प्रभावित मकानों की संख्या 586 हो चुकी है।