सीबीआरआइ की देखरेख में होटलों को ढहाने की कार्रवाई जारी, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

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देहरादून: सीबीआरआइ के वैज्ञानिकों की देखरेख में होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ढहाने की कार्रवाई सोमवार को भी जारी है। जोशीमठ भूधंसाव प्रकरण पर आज सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई होगी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से याचिका दाखिल की गई है। जोशीमठ संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करते हुए याचिका दी है।

भवनों में दरारें एक से दो मिलीमीटर तक चौड़ी हुई
आपदाग्रस्त जोशीमठ में भवनों में पड़ी दरारें चौड़ी हो रही हैं। उत्तराखंड सरकार ने भी इसे स्वीकारा है। सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ से लौटने के बाद कहा कि बीते एक-दो दिनों में कुछ जगह भवनों में दरारें एक से दो मिलीमीटर तक चौड़ी हुई हैं।

केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) के विज्ञानियों की टीम क्रेकोमीटर से दरारों की निगरानी कर रही है। भूधंसाव वाले क्षेत्रों में बोल्डर न खिसकें, इसके लिए उन पर तारजाल लगाए जाएंगे।

प्रभावितों के अस्थायी पुनर्वास के दृष्टिगत सीबीआरआइ को प्री-फैब्रिकेटेड हट का माडल 20 जनवरी तक तैयार करने को कहा गया है। यही नहीं, जेपी कालोनी में फूटी जलधारा में रविवार को पानी के प्रवाह में कमी आने पर तंत्र ने राहत की सांस ली है।

तहसील भवन में भी हल्की दरारें
जोशीमठ के आपदाग्रस्त क्षेत्र में जगह-जगह भूधंसाव और भवनों में दरारें पड़ने से लोग भयभीत हैं। अब पुरानी दरारें चौड़ी होने लगी है। अब दरारें शहर के उस हिस्से की तरफ देखी जाने लगी हैं, जिसे सुरक्षित माना जा रहा है।

डाक बंगला इसका उदाहरण है, जिसमें राहत कार्यों में जुटी टीमों के सदस्य रह रहे थे। उन्हें अन्यत्र शिफ्ट किया गया है। तहसील भवन में भी हल्की दरारें आई हैं।

ज्योतिर्मठ के भवन में भी दरारें चौड़ी
बदरीनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल जोशीमठ स्थित ज्योर्तिमठ के भवन की दीवारों में भी तीन-चार माह पहले दरारें पड़ी थीं। इन्हें सीमेंट से भर दिया गया था, लेकिन अब ये फिर से खुल गई हैं और इनकी चौड़ाई पांच मिलीमीटर तक हो गई हैं।

जांच कर रिपोर्ट देते रहें संस्थान
सचिव आपदा प्रबंधन डा. सिन्हा के अनुसार क्षेत्र में नामी संस्थानों के विज्ञानी जांच कार्य में जुटे हैं। उनसे कहा गया है कि जिन-जिन जगहों पर वे जांच कर रहे हैं, उसकी रिपोर्ट भी शासन को भेजते रहें, ताकि संबंधित क्षेत्र में इसके अनुरूप कदम उठाए जा सकें।

बोल्डर बढ़ा रहे चिंता
जिन क्षेत्रों में भूधंसाव हो रहा है, वहां बोल्डर चिंता बढ़ा रहे हैं। जमीन खिसकने के कारण इनके लुढकने का अंदेशा बना हुआ है। अब बोल्डरों को बांधे रखने के लिए इन पर तारजाल लगाए जाएंगे।

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