चम्पावत। वनाग्नि से चम्पावत के मानेश्वर और टनकपुर के आमबाग, ज्ञानखेड़ा का जंगल झुलस गया। टनकपुर में जंगल की आग गेहूं के खेतों तक पहुंच गई। दमकल विभाग के कर्मचारियों ने आग बुझाकर उसे मानव बस्तियों की ओर आने से रोक दिया। दोनों स्थानों पर वन संपदा को व्यापक नुकसान पहुंचा है।
गुरुवार की रात मानेश्वर के जंगल में आग भड़क गई, चीड़ का जंगल होने से आग की लपटों ने बड़े क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। सूचना के बाद एलएफएम मोहन सिंह थापा के नेतृत्व में पहुंचे फायर कर्मियों ने आग पर काबू पाया। जंगल में पहाड़ी का ढ़लान होने और आग के बड़े पैमाने पर फैलने से फायर कर्मियों का काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अग्निशमन वाहन के घटना स्थल पर न जाने के कारण जवानों ने बीटिंग मैथर्ड (पीटपीट कर आग बुझाना) का उपयोग करना पड़ा।
इधर गुरुवार की शाम को टनकपुर क्षेत्र के आगबाग व ज्ञानखेड़ा के जंगल में लगी आग गेहुं के खेती तक आ गई। इससे बड़े क्षेत्र में बोई गई गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। टनकपुर के फायर कर्मियों ने आग को बुझाकर उसे आबादी की ओर जाने से रोक दिया। एसपी लोकेश्वर सिंह ने आग बुझाने में फायर कर्मियों द्वारा दिखाई जा रही सक्रियता की सराहना की है। उन्होंने पुलिस को जानबूझकर वनों में आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को भी जिले में वनाग्नि की घटनाएं जारी रही। बाराकोट के काकड़ के जंगल में सुबह लगी आग पर दोपहर तक काबू नहीं पाया जा सका था। चीड़ का जंगल होने से आग तेजी से फैल रही है।
पुलिस ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
जिले में बड़े पैमाने पर हो रही वनाग्नि की घटनाओं को रोकने और आग बुझाने में दमकल विभाग लगातार कार्य में जुटा हुआ है। देखने में आ रहा है कि आग लगने की अधिकांश घटनाओं के पीछे शरारती तत्वों का हाथ है। एसपी द्वारा इस प्रकार के शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जारी करने के बाद पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इन नंबरों पर आग लगने और आग लगाने के लिए जिम्मेदार लोगों की भी सूचना दी जा सकती है। कॉल 112, 05965230607, 9411112984, 9456596950, 9412090201, 18001804178 नंबरों पर की जा सकती है।