अब टेबलेट करेगा पुलिस की मदद, डिजिटलाइजेशन की दिशा में आगे बढ़ रही उत्तराखंड पुलिस

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देहरादून। उत्तराखंड पुलिस डिजिटलाइजेशन की ओर लगातार कदम बढ़ा रही है। जिससे पुलिस के काम में भी तेजी आ रही है। अब पुलिस महकमे ने जांच अधिकारियों के लिए केस डायरी की जगह मोबाइल टेबलेट की व्यवस्था की है। जिससे पुलिस की जांच में तेजी आएगी और कम समय में ज्यादा मामलों की जांच कर उनकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जा सकेगी।

दरअसल, अभी तक एफआइआर दर्ज होने के बाद जांच अधिकारी मामले की जांच के दौरान किसी भी प्रकार की जानकारी को केस डायरी में नोट करते हैं। पूरे मामले की जांच के बाद इन जानकारियों को कम्प्यूटर पर चरणबद्ध तरीके से फिर से टाइप किया जाता है। ऐसे में पूरी कार्रवाई में काफी समय लगता है। जिससे कई-कई महीनों तक मामलों की जांच लटकी रहती है। मोबाइल टेबलेट की मदद से जांच अधिकारी घटनास्थल पर ही आवश्यक जानकारियों को नोट कर पाएंगे और उससे संबंधित फोटो व वीडियो ले पाएंगे। जांच पूरी होने के बाद पूरी जानकारी को टेबलेट पर ही या फिर कम्प्यूटर पर आसानी से संपादित किया जा सकेगा। इससे फाइनल रिपोर्ट बनाने में कम समय लगेगा और लंबित मामलों की समस्या से भी निजात मिलेगी।

पहले चरण में 595 पुलिस अधिकारियों को मिलेंगे मोबाइल टेबलेट

पुलिस मुख्यालय की ओर से प्रदेश के सभी 160 थानों और 237 पुलिस चौकियों में तैनात पुलिस अधिकारियों को यह मोबाइल टेबलेट दिए जाने हैं। हालांकि पहले चरण में 45 वर्ष से कम आयु और कम्प्यूटर की जानकारी रखने वाले पुलिस अधिकारियों को ही यह टेबलेट दिए जा रहे हैं। इनमें हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल के अलावा अन्य जिले शामिल होंगे। राज्यभर के थाना-चौकियों में 1500 से अधिक पुलिस अधिकारियों को यह टेबलेट दिए जाने हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता डीआइजी नीलेश आनंद भरणो ने बताया कि अब दर्ज मुकदमों की तफ्तीश को केस डायरी की जगह मोबाइल टैब नोट किया जाएगा। पहले चरण में थाने के अधिकांश महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंटेशन जिसमें चार्जशीट, फाइनल रिपोर्ट, सर्च, सीजर, अरेस्ट जैसे सभी साक्ष्यों को डिजिटलाइज किया गया। उसके बाद सबसे बड़ी समस्या केस डायरी को लेकर सामने आई। अब इसे भी डिजिटलाइज कर दिया गया है। जिससे मामले की विवेचना में कम समय लगेगा और अधिकारियों को भी सहूलियत होगी।

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