देहरादून। अवैध बोरिंग कराने के बाद लाखों लीटर जल डकारने वाले लोगों को भारी जुर्माना भी भरना होगा। जल संस्थान से रिपोर्ट आने के बाद उप जिलाधिकारी न्यायालय के माध्यम से यह जुर्माना लगाया जाएगा। लगभग 22 मुकदमों में सुनवाई अंतिम दौर में है, कुछ दिन बाद फैसला सुनाया जाना है।
गौरतलब है कि जल संस्थान की ओर से पिछले दिनों अवैध भूजल दोहन के मामले में प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी गई थी। तीन चरणों में आई इस रिपोर्ट में 110 से ज्यादा व्यापारिक और सरकारी आवास या कार्यालय थे, जिन्होंने बिना अनुमति सबमसिर्बल बोरिंग कराए हुए थे। इन सभी मामलों में संबंधित उपजिलाधिकारी कार्यालयों से उन्हें नोटिस जारी किए गए थे, जिनके जवाब के आधार पर न्यायालय में सुनवाई की जा रही है।
इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर जब जुर्माना लगाए जाने की बारी है। प्रशासन ने जल संस्थान से जुर्माने को लेकर भी रिपोर्ट तैयार कराई है। अधिकारियों के अनुसार इन पर कमर्शियल इस्तेमाल की दरों के हिसाब से ही बिल के साथ जुर्माना लगाया जाना है। उपजिलाधिकारी सदर गोपाल राम बिनवाल ने बताया कि ऐसे लगभग 22 मुकदमों में सुनवाई लगभग अंतिम दौर में है। जल्द ही इनमें फैसला सुनाया जा सकता है।
अवैध बोरिंग के कारण होता है पेयजल संकट
गर्मी के मौसम में देहरादून और इसके आसपास इलाकों में पेयजल का संकट खड़ा हो जाता है। इसका मुख्य कारण अवैध रूप से भूजल दोहन को माना जाता है। जहां पर जल संस्थान की सप्लाई नहीं है वहां तो लोगों ने बोरिंग किए ही हैं, लेकिन ऐसी जगहों पर भी धड़ल्ले से अवैध रूप से बोरिंग किए जा रहे हैं, जहां बाकायदा संस्थान की सप्लाई है। ऐसे में इस वर्ष गर्मियों में जल संस्थान की ओर से ऐसे अवैध बोरिंग को चिन्हित करने के लिए कमेटी का गठन हुआ था।